RANCHI (JHARKHAND): झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य सरकार की समन्वय समिति के सदस्य बंधु तिर्की ने रिम्स-2 का विरोध किया है। उन्होंने नगड़ी मौजा में रैयतों की खेती योग्य खतियानी जमीन के अधिग्रहण को अनुचित और जनविरोधी बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रिम्स-2 परियोजना को रद्द करने की मांग की है।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि नगड़ी क्षेत्र की अधिकतर आबादी कृषि पर निर्भर है और वहां की भूमि सीमित है। ऐसे में रैयतों की जमीन अधिग्रहण करना न केवल उनके जीवन-यापन के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकार की जनसंवेदनशीलता पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि इस जमीन पर वर्षों से मालगुजारी रसीदें रैयतों के नाम से जारी होती रही हैं।
पहले भी हुआ है विरोध
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में भी आईआईएम, ट्रिपल आईटी और हाईवे चौड़ीकरण जैसी योजनाएं ग्रामीण विरोध के कारण रद्द करनी पड़ी थीं। रिम्स-2 के लिए किए जा रहे मापी को साजिश बताते हुए उन्होंने सरकार से ग्रामीण हित में हस्तक्षेप की अपील की। बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री से पेसा कानून को तत्काल प्रभाव से लागू करने और टाना भगत विकास प्राधिकार को प्रभावी बनाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि टाना भगत समुदाय आज भी सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से बेहद पिछड़ा है और 2017 में गठित टाना भगत विकास प्राधिकार अब तक अपने उद्देश्यों में विफल रहा है।
उन्होंने टाना भगत समुदाय के सर्वांगीण विकास हेतु कार्यकारी समितियों के गठन, योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्षित सर्वेक्षण सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन से जुड़ा यह मसला झारखंड की आत्मा से जुड़ा हुआ है और सरकार को इसमें तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।