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Illegal Arms Factory : झारखंड में सक्रिय अवैध हथियार फैक्ट्रियां : मुंगेर के कारीगर कर रहे असेंबल, ATS का बड़ा खुलासा

by Rakesh Pandey
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रांची : झारखंड में संगठित तरीके से चल रही अवैध हथियार फैक्ट्रियों का बड़ा खुलासा हुआ है। झारखंड एटीएस और कोलकाता एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में यह सामने आया है कि झारखंड के कई जिलों में इलीगल आर्म्स फैक्ट्री चलाई जा रही है, जहां बिहार के मुंगेर से बुलाए गए कारीगर हथियारों का निर्माण और असेंबलिंग कर रहे हैं।

मुंगेर से हायर किए जा रहे हैं हथियार बनाने वाले कारीगर

बिहार का मुंगेर जिला देश में अवैध हथियार निर्माण का बड़ा केंद्र माना जाता है। अब हथियार तस्कर नए तरीके से काम कर रहे हैं। वह सीधे हथियार मुंगेर से नहीं भेज रहे, बल्कि कारीगरों को झारखंड बुलाकर यहीं हथियार बनवा रहे हैं। कासिम बाजार जैसे क्षेत्रों से जुड़े कारीगर झारखंड के विभिन्न जिलों में छिपकर काम कर रहे हैं।

झारखंड के कई जिलों में फैक्ट्रियों का भंडाफोड़

पिछले डेढ़ महीने में झारखंड एटीएस ने धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और देवघर में छापेमारी कर अवैध हथियार फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया है।

28 मई 2025 : धनबाद में बड़ी फैक्ट्री का भंडाफोड़, मुंगेर के चार कारीगर गिरफ्तार।

फरवरी 2025 : गिरिडीह के जमुआ में छापा, हथियार बरामद।

19 जून 2025 : बोकारो के बेरमो में संयुक्त कार्रवाई, बड़ी मात्रा में हथियार और मुंगेर के कारीगर गिरफ्तार।

कोलकाता एटीएस की सूचना से मिली अहम जानकारी

कोलकाता एटीएस द्वारा गिरफ्तार एक हथियार सप्लायर ने पूछताछ में बताया कि झारखंड में कई अवैध आर्म्स फैक्ट्री सक्रिय हैं। इसी इनपुट के आधार पर झारखंड एटीएस ने जांच शुरू की और कई ठिकानों पर छापे मारे। जांच में यह भी सामने आया कि कासिम बाजार का नेटवर्क झारखंड, यूपी और पश्चिम बंगाल में सक्रिय है।

ऐसे होती है तस्करी

एटीएस की जांच में सामने आया है कि हथियारों की तस्करी में फल और सब्जी के वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। झारखंड में बने हथियार बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक भेजे जा रहे हैं।

नक्सली संगठनों के लिए बना खतरा

झारखंड में नक्सली गतिविधियों की पृष्ठभूमि में अवैध हथियारों की फैक्ट्रियां गंभीर खतरे की आशंका पैदा कर रही हैं। एटीएस को इनपुट मिला है कि कुछ नक्सली गुट ऐसे गिरोहों से संपर्क की कोशिश में हैं, ताकि उन्हें हथियारों की कमी न हो।

SP ऋषभ झा का बयान

झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि हमारी नजर पूरे नेटवर्क पर है। अब तक तीन प्रमुख जगहों पर हथियार फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया गया है और मुंगेर के हथियार कारीगरों को गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई गोपनीय है, लेकिन ऑपरेशन लगातार जारी है।

मुंगेर की पिस्तौल की डिमांड

जानकारों के अनुसार, मुंगेर में बनी पिस्तौल की झारखंड और आसपास के अपराधियों में काफी मांग है। इन पिस्तौलों की कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपये तक होती है और इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है।

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