Home » Jharkhand workers stranded Dubai : दुबई में फंसे झारखंड के 15 श्रमिक, तीन महीने से नहीं मिली मजदूरी, केंद्र व राज्य सरकार से वतन वापसी की गुहार

Jharkhand workers stranded Dubai : दुबई में फंसे झारखंड के 15 श्रमिक, तीन महीने से नहीं मिली मजदूरी, केंद्र व राज्य सरकार से वतन वापसी की गुहार

by Anand Mishra
Migrant workers from Giridih stranded in Dubai
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Giridih (Jharkhand) : एक बार फिर विदेशों में झारखंड के प्रवासी मजदूरों के शोषण का मामला सामने आया है। गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिले के 15 मजदूर संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में बुरी तरह से फंस गए हैं। ये सभी मजदूर मसाई कॉन्ट्रैक्टिंग एलएलसी नामक कंपनी में काम करने के लिए गए थे, लेकिन अब पिछले तीन महीनों से उन्हें कंपनी की ओर से कोई मजदूरी नहीं दी गई है, जिसके कारण उनके सामने खाने-पीने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

वायरल वीडियो में सुनाई आपबीती

इन प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाई है। वीडियो में मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर उन्हें सकुशल वतन वापस लाने में मदद करने की मार्मिक अपील की है। झारखंड में प्रवासी श्रमिकों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने भी केंद्र और झारखंड सरकार से इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब झारखंड के मजदूर रोजगार की तलाश में विदेश गए हों और वहां उनका इस तरह से शोषण किया गया हो।

इन जिलों के मजदूर हैं शामिल

मिली जानकारी के अनुसार दुबई में फंसे हुए ये मजदूर हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के अलखरी खुर्द गांव के चुरामन महतो, चंद्रिका महतो, कैलाश महतो, उदयपुर के बिशुन महतो, जगन्नाथ सिंह, चितरामो के लखन सिंह, सुखदेव सिंह, गोविंदपुर के अर्जुन महतो, आंगो थाना क्षेत्र के जोलमी गांव के त्रिलोकी महतो, पलमा के बालेश्वर महतो, गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के अम्बाडीह गांव के बैजनाथ महतो, महेंद्र महतो, निमियांघाट थाना क्षेत्र के माकन गांव के सीताराम महतो, मूरत महतो और धनबाद जिले के तोपचांची थाना क्षेत्र के नेरो गांव के संजय कुमार महतो हैं। इन सभी मजदूरों के परिवार वाले भी झारखंड में उनकी सुरक्षित वापसी के लिए चिंतित हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

Related Articles