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Gorakhpur News : आयुष विश्वविद्यालय के कुलगीत में झलकेगी गोरखपुर की भव्यता, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी लोकार्पण

AYUSH University : कुलपति द्वारा रचित कुलगीत में गोरखपुर की आरोग्य परंपरा, गुरु गोरखनाथ की साधना और योग का समावेश; राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी लोकार्पण

by Anurag Ranjan
President Droupadi Murmu to inaugurate Ayush University in Gorakhpur, Kulgeet highlighting city's legacy
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गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थापित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय में अब विश्वविद्यालय की पहचान और गोरखपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत कुलगीत के माध्यम से पूरे देश में गूंजेगी। इस कुलगीत की रचना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के रामचंद्र रेड्डी ने की है, जिसमें गोरखपुर की आरोग्य, चिकित्सा और वैद्य परंपरा को भव्यता से दर्शाया गया है।

इस कुलगीत की पहली प्रस्तुति 1 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में होने जा रही है। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग समेत तमाम जिम्मेदार महकमे तैयारियों में जुटे हैं।

कुलगीत में गोरखपुर की पहचान

कुलगीत में गोरखपुर को “आरोग्य शास्त्रों की राजधानी, चिकित्सा शास्त्रों की राजधानी, सर्व वैद्य शास्त्रों की राजधानी” कहा गया है। यह गीत सिर्फ विश्वविद्यालय की परंपरा और मूल्यों को नहीं दर्शाता, बल्कि गोरखपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करता है।

विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, कुलगीत की स्वरबद्ध रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और शीघ्र ही इसका विमोचन होगा। यह कुलगीत समारोहों, दीक्षांत समारोह और विशेष आयोजनों में विश्वविद्यालय का गौरव गान बनेगा।

आयुष चिकित्सा पद्धतियों का संगम

कुलगीत में विश्वविद्यालय के उद्देश्यों, आयुष चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के समावेश को दर्शाया गया है। विश्वविद्यालय को “शास्त्रों के मेल का संगम विद्यालय” कहा गया है। इसके साथ ही गोरखपुर की राप्ती नदी, गुरु गोरखनाथ के हठ योग, भस्म निर्माण की परंपरा और पंचकर्म चिकित्सा पद्धति जैसे विषयों को भी गीत में समाहित किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृष्टि का प्रतीक

कुलगीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और नेतृत्व का भी उल्लेख है। विश्वविद्यालय के माध्यम से उत्तर प्रदेश में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के प्रयासों को गीत में दर्शाया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि कुलगीत को स्वरबद्ध करने की अनुमति पहले ही मिल चुकी है और अब इसकी रिकॉर्डिंग का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। रिकॉर्डिंग के बाद इसे राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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