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Jamshedpur Woman seeks justice : बागबेड़ा के कथित नेता की धमकियों से सहमी “महिला” ने डीआईजी व एसएसपी से लगाई सुरक्षा की गुहार, पुलिस की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : कदमा थाना क्षेत्र की रहने वाली वैशाली कुमारी ने बागबेड़ा वार्ड नंबर-10 निवासी नेता अमित रंजन के खिलाफ कोल्हान डीआईजी और जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है। महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी खुलेआम घूम रहा है जबकि उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है और अग्रिम जमानत भी खारिज हो चुकी है। वैशाली कुमारी के अनुसार अमित रंजन उनके पति हैं, लेकिन कुछ महीने पहले उन्हें छोड़कर चले गए थे। उसके बाद से वैशाली अपने माता-पिता के साथ कदम में रह रही है। हालांकि इस संबंध में अमित रंजन का पक्ष नहीं लिया जा सका है।

बार-बार जान मारने की धमकी, जबरन गर्भपात और यौन उत्पीड़न का आरोप

पीड़िता वैशाली कुमारी ने अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि अमित रंजन ने उसके साथ शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण किया। यहां तक कि सिगरेट से जलाया और जबरन गर्भपात भी कराया। आरोपी का नाम दूसरी महिला प्रियंका रानी के साथ अवैध संबंधों में भी सामने आया है, जिससे पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

एफआईआर दर्ज कराने में बाधा, डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद हुई कार्रवाई

महिला के अनुसार, 22 मार्च 2025 को उसने कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने लगातार उसे टालते हुए सहयोग नहीं किया। अंततः कोल्हान डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद डेढ़ महीने की देरी से कदमा थाना कांड संख्या-37/2025 के तहत मामला दर्ज हो पाया।

अनुसंधान में लापरवाही, आरोपी को संरक्षण का आरोप

एफआईआर के बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अनुसंधानकर्ता एसआई मंटू कुमार ने पीड़िता को बार-बार रात में थाने बुलाया और समय पर मेडिकल जांच तक नहीं कराई। सिटी एसपी श्री श्रीवास के हस्तक्षेप के बाद ही मेडिकल जांच संभव हो पाई और अनुसंधानकर्ता बदला गया। बावजूद इसके, नए अनुसंधानकर्ता द्वारा भी कोई ठोस पहल नहीं की गई।

खुलेआम घूम रहा आरोपी, ‘पुलिस’ बोर्ड वाली गाड़ी का उपयोग

पीड़िता का कहना है कि अमित रंजन खुलेआम ‘पुलिस’ लिखा हुआ बोर्ड गाड़ी में लगाकर शहर में घूम रहा है। वहीं, कदमा थाना के सिपाही भीम कुमार पर आरोप है कि वह आरोपी के पिता अविनाश कुमार को हर बार रेड की सूचना पहले ही दे देते हैं, जिससे आरोपी फरार हो जाता है।

छेड़खानी की घटनाएं, परिवार को भी खतरा

पीड़िता के अनुसार, 25 जून को आरोपी के सहयोगियों हरि राव शर्मा और नीरज कुमार ने एफआईआर वापस लेने का दबाव बनाते हुए छेड़खानी की कोशिश की। 4 जुलाई को कोर्ट से लौटते वक्त अमित रंजन और नीरज कुशवाहा ने बाइक (JH05DV-2346) से आकर हमला किया। इसकी मेडिकल रिपोर्ट एमजीएम अस्पताल में जमा की गई, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

गवाहों व छोटे भाई की हत्या की धमकी

महिला ने बताया कि आरोपी अब भी लगातार गवाहों और परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है। वह छोटे भाई की हत्या की धमकी भी दे चुका है। ऐसे में पीड़िता ने मांग की है कि पुलिसकर्मी भीम कुमार के कॉल डिटेल्स की जांच कराई जाए और अमित रंजन, हरीराव शर्मा, नीरज कुशवाहा जैसे आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

यह सिर्फ मेरी लड़ाई नहीं, सिस्टम की साख का सवाल : वैशाली कुमारी

पत्र के अंत में पीड़िता ने लिखा, “यह केवल एक महिला की लड़ाई नहीं है बल्कि पूरे सिस्टम की साख और समाज में न्याय की भावना को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी है।” उसने अधिकारियों से आग्रह किया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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