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चर्च में ‘हेरोः परब’ मनाने पर आदिवासी ‘हो’ समाज भड़का, धार्मिक अतिक्रमण बताकर जताया विरोध

युवा महासभा की जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग, चाईबासा बंद की चेतावनी

by Vivek Sharma
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Chaibasa News : चाईबासा स्थित रोमन कैथोलिक चर्च में पारंपरिक आदिवासी पर्व ‘हेरोः परब’ के आयोजन को लेकर ‘हो’ समाज में तीव्र आक्रोश फैल गया है। इसको लेकर आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा ने हरिगुटु स्थित कला एवं संस्कृति भवन में आपात बैठक कर इस आयोजन की निंदा की और इसे धार्मिक अतिक्रमण करार दिया। महासभा ने साफ कहा कि गैर-आदिवासी और धर्मांतरित लोगों को हो समाज के पारंपरिक त्योहार मनाने का कोई अधिकार नहीं है।

पदाधिकारियों ने कहा कि ‘हेरोः परब’ एक गहन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है, जो विशेष अनुष्ठानों, बलि प्रथा और परंपरागत सामग्रियों के साथ केवल राजस्व ग्राम के रैयत ‘हो’ समाज के लोग ही मना सकते हैं। चर्च या किसी अन्य धार्मिक स्थल में इस पर्व का आयोजन हो समाज की आस्था का अपमान है।

महासभा का आरोप है कि पूर्व में भी चर्च में ‘मगे परब’ मनाकर हो समाज की परंपराओं का मज़ाक उड़ाया गया है। अब दोबारा ‘हेरोः परब’ का आयोजन करके समाज की सांस्कृतिक अस्मिता पर हमला किया गया है।

जिला प्रशासन से शिकायत, कार्रवाई नहीं होने पर चाईबासा बंद की चेतावनी

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा की ओर से इस विषय में जिला प्रशासन को लिखित शिकायत सौंपी जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी। यदि कार्रवाई नहीं होती है तो महासभा द्वारा चाईबासा बंद का आह्वान किया जा सकता है।

प्रमुख वक्ता और पदाधिकारी

इस अवसर पर महासभा के केंद्रीय क्रीड़ा सचिव सतीश सामड, अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, प्रदेश कोषाध्यक्ष शंकर सिंदु, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, सचिव ओयबन हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सत्यव्रत बिरूवा, सदस्य सिकंदर तिरिया, सदर अनुमंडल सचिव अशीष तिरिया, उपाध्यक्ष पुतकर लागुरी, दुदुगर पिंगुवा, सुरेश पिंगुवा, जामदार हेम्ब्रम, मनोज पिंगुवा सहित कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।

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