RANCHI : सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार मंदिर में दिखाई दीं। ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु स्वर्णरेखा नदी से पवित्र जल लेकर पहाड़ी मंदिर पहुंचे और भगवान भोलेनाथ का विधिवत जलाभिषेक किया। भक्तों की आस्था का आलम यह रहा कि कई श्रद्धालु रात से ही लाइन में लगे रहे, ताकि सुबह जल अर्पण कर सके।

मनोकामना स्थल पर लगी कतार
सावन के इस आखिरी सोमवार को मनोकामना पूर्ण होने की विशेष मान्यता होती है। इसी कारण श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा-अर्चना की और भगवान शिव से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए थे। मंदिर के गेट पर पेयजल, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
इसके अलावा रांची के अन्य प्रमुख शिव मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ देखी गई। महाकाल मंदिर में भक्तों ने जलाभिषेक किया और भगवान शिव की आरती में हिस्सा लिया। मनोकामना स्थल के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान पर भक्तों ने पुष्प और बेलपत्र अर्पित कर पूजा की।

शिव पूजा का विशेष महत्व
सावन महीने के दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है और अंतिम सोमवारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन का विशेष पुण्य फल प्राप्त करने के लिए दूरदराज से भी लोग रांची पहुंचे थे। भक्तों का कहना था कि पहाड़ी मंदिर में जल चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।