Ranchi News : झारखंड आंदोलन के पुरोधा और आदिवासी समाज के महान नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर उनके पैतृक गांव नेमरा पहुंचा। उनके अंतिम दर्शन के लिए पूरे इलाके में हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की आंखें नम थीं और माहौल पूरी तरह भावुक हो गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पिता के पार्थिव शरीर के साथ थे। शव वाहन जैसे ही नेमरा स्थित आवास पर पहुंचा, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सभी धार्मिक औपचारिकताएं निभाई गईं।
धान के खेत से बना अंतिम यात्रा का मार्ग
श्मशान घाट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर से लगभग 600 मीटर की दूरी पर स्थित है। पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए धान के खेतों से होकर एक अस्थायी रास्ता तैयार किया गया। इस मार्ग पर दिशोम गुरु को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाए गए थे, जिनमें उनका संघर्ष और योगदान झलकता रहा।
नेताओं और अधिकारियों का जुटान
मुख्यमंत्री के आवास पर राज्य के मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों का तांता लगा रहा। मंत्री योगेंद्र प्रसाद, सुदिव्य कुमार सोनू, विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनुप सिंह, वरिष्ठ अधिकारी अविनाश कुमार सहित सैकड़ों लोग दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। गांव और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। नेमरा गांव आज श्रद्धा, सम्मान और शोक के वातावरण में पूरी तरह डूबा रहा। दिशोम गुरु के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।