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RANCHI NEWS: रिम्स की बिल्डिंग में अवैध रूप से कमाई कर रहा ठेकेदार, प्रबंधन ने साधी चुप्पी

by Vivek Sharma
RIMS CANTEEN
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RANCHI (JHARKHAND): राज्य का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला रिम्स परिसर में संचालित प्राइवेट कैंटीन से जुड़ा है। जहां एक ठेकेदार रिम्स प्रबंधन पर भारी है। नियमों को दरकिनार करते हुए बिना टेंडर के ही मनमाने ढंग से कैंटीन संचालक कमाई कर रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि पूरे मामले पर रिम्स प्रबंधन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। इसका खुलासा पिछले दिनों हाईकोर्ट की टीम के इंस्पेक्शन के दौरान हुआ है। जिसमें रिम्स के वरीय अधिकारी ने ही इसकी जानकारी टीम को दी।

सफाई एजेंसी कर रही संचालन

जानकारी के अनुसार रिम्स के पेइंग वार्ड में एक प्राइवेट कैंटीन संचालित हो रही है, जिसे बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के चलाने की अनुमति दे दी गई है। इस कैंटीन का संचालन हॉस्पिटल में साफ-सफाई करने वाली एजेंसी अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विस कर रही है। यह कैंटीन लंबे समय से काम कर रही है और इससे होने वाली आय सीधे उस ठेकेदार की जेब में जा रही है, जिसने इसके संचालन की जिम्मेदारी ली है। वहीं इस कैंटीन के संचालन में अधिकारियों की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी संस्था में किसी भी सेवा या सुविधा के लिए टेंडर प्रक्रिया जरूरी होती है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन यहां खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

कार्यक्रमों में भी खाने की सप्लाई

प्राइवेट कैंटीन का ठेकेदार रिम्स में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों सेमिनार, डॉक्टरों की बैठकों, प्रशिक्षण सत्रों व अन्य आयोजनों में भी बिना किसी निविदा के खाने की आपूर्ति कर रहा है। इससे यह साफ है कि कहीं न कहीं अंदरूनी सांठगांठ के चलते उसे लगातार लाभ पहुंचाया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन नियमों और प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी खुद रिम्स निदेशक की होती है। उन्होंने भी अब तक इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। इससे प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अब सवाल उठता है कि अगर नियमों की अनदेखी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो पारदर्शिता की बात करना बेमानी होगी।

खाद्य पदार्थों की भी नहीं होती जांच

रिम्स जैसे संस्थान में इस प्रकार की अनियमितता न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि यह मरीजों और उनके परिजनों के साथ भी एक तरह का अन्याय है। कैंटीन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की कोई निगरानी नहीं होती, जिससे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि इस कैंटीन में डॉक्टर व नर्सों का भी आना-जाना लगा रहता है। लेकिन क्वालिटी को लेकर कोई मानक तय नहीं है। ऐसे में अगर कोई खाना खाने से बीमार हो जाए तो ठेकेदार पर कार्रवाई भी नहीं होगी। चूंकि वह तो अवैध रूप से कैंटीन का संचालन कर रहा है।

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