Jamshedpur News: विश्व हाथी दिवस के अवसर मंगलवार को बिष्टुपुर स्थित एक होटल में वन विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें वन विभाग के पदाधिकारी, वनकर्मी, वन रक्षक और स्कूलों के बच्चे शामिल हुए। इस मौके पर एक स्मारिका का विमोचन किया गया और हाथियों के बचाव के लिए एक विशेष वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल भी हाथियों के लिए जिले में दो लाख बांस के पौधे लगाए जाएंगे। क्योंकि, बांस हाथियों को बेहद पसंद हैं।
कार्यक्रम में वनों की सुरक्षा और समर्पित भाव से कार्य करने वाले वनकर्मियों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सिंहभूम के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आईएफएस) स्मृति पंकज ने अपने संबोधन में कहा कि हाथी आमतौर पर 20 से 25 के झुंड में चलते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि हाथी अपने रास्ते से न भटकें और अपने क्षेत्र में बने रहें। इसके लिए जंगल का सुरक्षित रहना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि हाथियों को बांस विशेष रूप से पसंद है, इसलिए पिछले साल पूरे सिंहभूम क्षेत्र में 2 लाख बांस लगाए गए, जिसमें पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई। उन्होंने जमशेदपुर के डीएफओ सबा आलम की सराहना करते हुए कहा कि हाथियों के लिए पानी और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था उन्होंने की है।
स्मृति पंकज ने जानकारी दी कि एक वयस्क हाथी का वजन 4000 से 5000 किलो तक होता है और वह प्रतिदिन लगभग 70 किलोमीटर चलता है। रेलवे से हाथियों की दुर्घटनाओं पर उन्होंने चिंता व्यक्त की।
वन पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि हाथियों की संख्या में वृद्धि हुई है और उनकी सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है। हाथियों के बीमार या घायल होने पर त्वरित मदद के लिए आज वन विभाग को एक विशेष वाहन समर्पित किया गया है। उन्होंने लोगों से हाथियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की।