

Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के जमशेदपुर में पुराने एमजीएम अस्पताल (MGM Hospital) के मुख्य गेट के सामने स्थित एक मंदिर और एक वट वृक्ष को हटाए जाने की योजना का विरोध तेज हो गया है। गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में विहिप कार्यकर्ता और स्थानीय श्रद्धालु शामिल थे।

40 साल पुराना है मंदिर, मरीजों की है आस्था
विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और एमजीएम अस्पताल के कर्मचारी अमरनाथ सिंह ने बताया कि यह मंदिर करीब 40 वर्षों से अस्पताल परिसर में मौजूद है। इसमें भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश और हनुमान जी सहित कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं। अमरनाथ सिंह ने कहा कि इस मंदिर की बहुत महिमा है। उनका दावा है कि यहां आने वाले मरीज और उनके परिजन मन्नतें मांगते हैं और स्वस्थ होकर लौटते हैं।

अमरनाथ सिंह ने बताया कि उन्हें एक ठेकेदार से मंदिर तोड़े जाने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने और अन्य श्रद्धालुओं ने तुरंत इसका विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने मांग की कि मंदिर को तोड़ने के बजाय इसे और भव्य रूप दिया जाना चाहिए।

विहिप ने दी आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन से अपील की है कि मंदिर और वट वृक्ष को न हटाया जाए। उनका कहना है कि यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यहां आने वाले मरीजों और उनके परिवारों के लिए मानसिक शांति और संबल का केंद्र भी है।
सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन ने परिसर के विकास और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है, जिसके तहत गेट के आसपास निर्माण कार्य होना है। इस योजना में मंदिर और वट वृक्ष को बाधा बताया जा रहा है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक लिखित बयान जारी नहीं किया गया है। विहिप ने चेतावनी दी है कि अगर मंदिर और वट वृक्ष को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
