

Ranchi: झारखंड आंदोलन के जनक, अग्रणी, समाज सुधारक, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन की स्मृति में गुरुवार को पूरे राज्य के 35,000 सरकारी स्कूलों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं। यह कार्यक्रम राज्य शिक्षा विभाग के निर्देश पर आयोजित की गई। इसका उद्देश्य छात्रों को दिशोम गुरु के जीवन, राज्य के लिए किए गए संघर्ष और उनके योगदान से छात्रों को प्रेरित करना था।

राज्यभर में अभूतपूर्व सहभागिता
इस आयोजन में 1 लाख से अधिक शिक्षकों, 32 लाख से ज्यादा छात्रों और लगभग 2 लाख समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) के सदस्य और अभिभावक भी शामिल थे। सुबह की प्रार्थना सभा में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई, इसके बाद चर्चाओं में शिबू सोरेन के सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकार, भूमि सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों को विस्तार से बताया गया।

छात्रों की शपथ — सच, न्याय और सेवा का मार्ग
इस अवसर पर छात्रों ने सत्य, न्याय और सामाजिक सेवा के मार्ग पर चलने की शपथ ली। उन्होंने वादा किया कि वे जिम्मेदार नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे।

आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन केवल राजनीतिक नहीं बल्कि झारखंड की पहचान, संस्कृति और आदिवासी कल्याण के लिए आजीवन संघर्ष का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सत्य, सेवा, संघर्ष और समर्पण के मार्ग पर चलकर समाज को बेहतर बनाने में योगदान दें।
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