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Ghatshila News : पूर्वी सिंहभूम का तांबा विकसित भारत में देगा योगदान, एचसीएल-आईसीसी को बचाने की केंद्रीय मंत्री से गुहार

Jharkhand Hindi News : पूर्वी सिंहभूम के सांसद के साथ केंद्रीय खान मंत्री रेड्डी से मिले मजदूर नेता एवं उप मुखिया। मंत्री ने मंगवाई मऊभंडार प्लांट को लेकर डिटेल रिपोर्ट।

by Rajesh Choubey
Ghatshila News
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घाटशिला : पूर्वी सिंहभूम में ताम्र (तांबा) का भंडार है। जरूरत है तो इसके सही तरीके से नियोजन की। यहां उच्च गुणवत्ता का तांबा है और यह कीमती धातु देश के विकास में अहम योगदान दे सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की इकाई इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स की समस्याओं को दूर कर काफी कुछ किया जा सकता है। इससे तांबे के उत्पादन के साथ ही स्थानीय लोगों की आर्थिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त किया जा सकता है। इस बात को केंद्रीय केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी तक पहुंचाया गया है।

सांसद की अगुवाई में केंद्रीय मंत्री से मिले ताम्र मजदूर

पूर्वी सिंहभूम के सांसद विद्युतवरण महतो की अगुवाई में ताम्र मजदूरों और पंचायत प्रतिनिधियों ने केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी से गुरुवार को नई दिल्ली के शास्त्री भवन स्थित उनके मंत्रालय में मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रतिनिधि दिनेश साव, पूर्वी मऊभंडार ग्राम पंचायत के उपमुखिया रुपेश दूबे, घाटशिला कॉपर मजदूर संघ के अध्यक्ष हरेश्वर सिंह व कार्यकारी अध्यक्ष सच्चिदानंद त्रिपाठी तथा मुनिब शर्मा शामिल थे।

क्या था जी किशन रेड्डी को सौंपे गए मांग पत्र में

इस मुलाकात के दौरान सांसद व मजदूर नेताओं की ओर से केंद्रीय कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी को मांग पत्र सौंपा गया। मजदूर प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की इकाई इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स से जुड़ी समस्याओं की ओर कोयला व खान मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया। मजदूर नेताओं एवं उप मुखिया ने कहा की घाटशिला के मऊभंडार में एचसीएल की यूनिट आईसीसी का स्मेल्टर प्लांट ब्रिटिशकाल के समय से है। यहां हजारों की संख्या में ताम्र मजदूर कार्यरत थे जो अब धीरे-धीरे घट कर काफी कम हो गए है।

दिसंबर 2019 से बंद पड़ा है प्लांट

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में एचसीएल-आईसीसी का स्मेल्टर प्लांट व कॉपर माइंस ही रोजगार का एकमात्र विकल्प हैं। दिसंबर 2019 से प्लांट बंद है जिससे बड़ी संख्या में ठेका मजदूरों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है। रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है साथ टाउनशिप वीरान हो गया है। व्यापार प्रभावित होने से व्यापारियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्थायी कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

प्लांट के आधुनिकीकरण की बताई जरूरत

केंद्रीय मंत्री से कहा गया कि आर्थिक तंगी का हवाला देकर प्रबंधन प्लांट को ना ही मॉडिफाई कर रही है और ना ही चालू कराने में दिलचस्पी दिखा रही है। मेकॉन कंपनी के माध्यम से डीपीआर बनाने की पहल भी नहीं दिख रही है। सुरदा माइंस में उत्पादन शुरु हो गया है। केंदाडीह और राखाकॉपर व चापड़ी माइंस में भी उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। जरूरी है की मऊभंडार प्लांट को चालू करने की प्रक्रिया अभी से शुरु की जाए ताकि ताम्र अयस्क के उत्पादन का लाभ मऊभंडार प्लांट को मिल सके।

कॉपर के साथ गोल्ड, सिल्वर, निकेल जैसी बहुमूल्य धातुएं मौजूद

खान मंत्री को बताया गया कि मऊभंडार में कॉपर के साथ गोल्ड, सिल्वर, निकेल, सिलेनियम, कॉपर सल्फेट, कोबाल्ट, सल्फ्यूरिक एसिड, ग्रास समेत दर्जनभर से ज्यादा बहुमूल्य धातुओं का भी उत्पादन होता था। प्लांट के दोबारा चालू होने से यह पीएम नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

निजी कंपनियां लगाना चाह रहीं प्लांट: दिनेश साव

सांसद प्रतिनिधि दिनेश साव ने कहा-स्मेल्टर प्लांट की स्थापना के लिए प्राइवेट कंपनियों में होड़ लगी हुई है जबकि हमने सार्वजनिक कंपनी को वर्षों से बंद कर रखा है। सांसद प्रतिनिधि दिनेश साव ने केंद्रीय खान मंत्री से कहा की स्मेल्टर प्लांट के चलने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। कॉपर के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर होगा।

आईसीसी में प्लांट को लेकर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद

एचसीएल की सभी इकाईयों की तुलना में आईसीसी में प्लांट को लेकर बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर हैं। पानी, बिजली, रेल, सड़क एवं जलमार्ग की सुविधा उपलब्ध हैं। प्लांट के समीप से ही स्वर्णरेखा नदी गुजरती है। नेशनल हाइवे काफी करीब है। रेल लाइन प्लांट के भीतर तक है जबकि हल्दिया पोर्ट भी मात्र 200 किमी की दूरी पर हैं। खान मंत्री से कहा की आज स्मेल्टर प्लांट स्थापित करने को लेकर प्राइवेट कंपनियों के बीच होड़ मची हुई है और हमारे पास स्मेल्टर प्लांट होने पर भी वर्षों से बंद है।

एचसीएल-आईसीसी को बचाए रखना बड़ी जिम्मेदारी

उन्होंने कहा की पूर्वी सिंहभूम का ग्रामीण जिला पूरी तरह एचसीएल-आईसीसी पर निर्भर है जिसे बचाए रखना बड़ी जिम्मेदारी हैं। दिनेश साव ने खान मंत्री से मऊभंडार-मुसाबनी का दौरा करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने सचिव से मऊभंडार प्लांट को लेकर डिटेल रिपोर्ट जल्द देने को कहा। उन्होंने सांसद एवं प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा भी दिया।

सांसद ने की किशनगढ़िया, पाथरगोड़ा व धोबनी माइंस शुरु कराने की मांग

सांसद विद्युतवरण महतो ने केंद्रीय खान मंत्री जी किशन रेड्डी से मऊभण्डार प्लांट के साथ किशनगढ़िया, पाथरगोड़ा व धोबनी माइंस को भी जल्द चालू कराने कि मांग की। उन्होंने कहा कि सुरदा माइंस चालू हो गया है। राखा कॉपर व चापड़ी माइंस को भी संशोधित पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। केंदाडीह माइंस को भी संशोधित पर्यावरणीय स्वीकृति जल्द मिलने कि उम्मीद है। जाहिर है की अगले कुछ वर्षों में बड़ी मात्र में कॉपर अयस्क का उत्पादन मुसाबनी में संभव होगा।

स्थानीय लोगों को मिले सांद्र अयस्क का लाभ

सांसद ने कहा की मुसाबनी ग्रुप ऑफ माइंस से उत्पादित होने वाली सांद्र अयस्क का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। एचसीएल को चाहिए की मऊभंडार प्लांट चालू कराएं। सांसद ने कहा की भारत को कॉपर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुसाबनी प्रखंड के किशनगढ़िया, पाथरगोड़ा और धोबनी माइंस को भी चालू करने की जरूरत है। सांसद के मांग पर खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने सचिव से जरूरी कदम उठाते हुए उन्हें जल्द सूचित करने का निर्देश दिया।

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