

Jamtara (Jharkhand) : झारखंड का जामताड़ा एक बार फिर साइबर अपराध के कारण सुर्खियों में है। इस बार एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें जामताड़ा के बंधन बैंक के अधिकारी शुभम कुमार समेत पांच बैंक अधिकारी 2.5 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी में शामिल पाए गए हैं। इन पांचों के खिलाफ कोलकाता के बिधान नगर साइबर थाने में केस नंबर 8425 दर्ज किया गया है।

पश्चिम बंगाल साइबर अपराध शाखा ने कोलकाता स्थित बंधन बैंक के इन वरिष्ठ अधिकारियों को ग्राहकों की गोपनीय जानकारी साइबर ठगों को मोटी रकम लेकर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। यह गिरफ्तारी 2.5 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी की जांच के दौरान हुई।

गिरफ्तार किए गए बैंक के अफसर
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में झारखंड की हजारीबाग शाखा के मुख्य जोखिम अधिकारी (CRO), जामताड़ा शाखा के सीआरओ शुभम कुमार, धनबाद की सरायढेला शाखा के सेल्स मैनेजर, कोलकाता की मेटियाब्रुज शाखा के सीआरओ और सेल्स मैनेजर शामिल हैं।

23 जुलाई को बंधन बैंक की ओर से कोलकाता के बिधाननगर थाने में साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जामताड़ा के एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि 11 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने जामताड़ा पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की और शुभम को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कोलकाता चली गई।
कोर बैंकिंग सिस्टम से लीक होती थीं जानकारियां
पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार किए गए ये अधिकारी बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम से ग्राहकों की जानकारी इकट्ठा कर साइबर ठगों को देते थे। इसके अलावा, ये खुद भी ग्राहकों को कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिए उनकी केवाईसी अधूरी होने की बात कहकर उनसे निजी जानकारी मांगते थे। ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट और बीमा पॉलिसियों का लालच भी दिया जाता था। इस तरह से उन्होंने कई ग्राहकों की गोपनीय जानकारियां इकट्ठी कर ली थीं।
साइबर अपराध शाखा को जांच के दौरान एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हुए, जिसके बाद शुक्रवार को इन सभी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। ये अधिकारी ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं। सीआरओ का मुख्य काम बैंक को वित्तीय जोखिमों से बचाना है, जबकि सेल्स मैनेजर का काम बिक्री बढ़ाना है। इन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने ही अपने पद का दुरुपयोग कर इस बड़े अपराध को अंजाम दिया।
