Home » Dumka Public Protest After student death : स्कूल से लापता बच्चे का मिला शव, आक्रोशित ग्रामीणों ने की तोड़फोड़ व सड़क जाम

Dumka Public Protest After student death : स्कूल से लापता बच्चे का मिला शव, आक्रोशित ग्रामीणों ने की तोड़फोड़ व सड़क जाम

✦ मामला दुमका के रामगढ़ थाना क्षेत्र के संत मोनिका विद्यालय का...

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Dumka (Jharkhand) : झारखंड के दुमका जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रामगढ़ थाना क्षेत्र के कुशमाहा बदरा गांव में स्थित संत मोनिका विद्यालय से चार दिन पहले लापता हुए 6 साल के छात्र का शव बुधवार को स्कूल के बगल में ही एक खेत में मिला। इस खबर के बाद से इलाके में तनाव फैल गया है। गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने स्कूल पर हमला कर जमकर तोड़फोड़ की।

आक्रोशित भीड़ ने स्कूल का सारा सामान बाहर फेंक दिया और रामगढ़-गोड्डा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। तोड़फोड़ की घटना के समय रामगढ़ थाने की पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। ग्रामीणों और अभिभावकों की मांग है कि स्कूल को स्थायी रूप से बंद किया जाए और इस मामले के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।

स्कूल संचालक फरार

शनिवार शाम से लापता हुए इस छात्र के मामले में पुलिस ने जब स्कूल के संचालक पर दबाव बनाया, तो वह सोमवार की देर रात सभी बच्चों को घर भेजकर स्कूल में ताला लगाकर फरार हो गया। संचालक गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड का रहने वाला बताया जा रहा है। जांच के लिए जब पुलिस सोमवार रात को स्कूल पहुंची तो वहां ताला लगा मिला और कोई भी मौजूद नहीं था। ग्रामीणों ने बताया कि जिस मैदान में स्कूल चलता है, वहां कुछ दिनों से गुलगुलिया डेरा डाले हुए थे, जो रविवार सुबह ही वहां से चले गए थे।

बच्चों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन

इस घटना के बाद इलाके के निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। संत मोनिका विद्यालय के बगल में ही एक और निजी स्कूल है, जहां लगभग 500 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं। आरोप है कि इस हॉस्टल में भी बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। बच्चों को जमीन पर सुलाया जाता है और पंखे तक नहीं हैं। रात में बच्चे शौच के लिए खुद ही दरवाजा खोलकर बाहर जाते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है।

शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर

रामगढ़ प्रखंड में पैसा कमाने के लिए दर्जनों निजी स्कूल चल रहे हैं, जहां शिक्षा अधिकार अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। कई स्कूलों के पास तो यू-डाइस कोड भी नहीं है, फिर भी वे संचालित हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आज तक इन स्कूलों का कभी निरीक्षण नहीं किया, जिसके कारण ये कुकुरमुत्ता की तरह बढ़ रहे हैं। हालांकि, प्रखंड विकास पदाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा है कि वह जल्द ही इन सभी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन पर लगाम लगाने के लिए सूची तैयार करने का निर्देश दिया है।

Related Articles

Leave a Comment