Bokaro (Jharkhand) : झारखंड में मनरेगा योजनाओं में बड़े पैमाने पर चल रहे भ्रष्टाचार का एक बार फिर बड़ा खुलासा हुआ है। भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (एसीबी) की धनबाद टीम ने शुक्रवार को बोकारो के कसमार प्रखंड में बड़ी कार्रवाई करते हुए मनरेगा और 15वें वित्त के दो कनीय अभियंता आशीष कुमार और राजीव रंजन को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
यह मामला कसमार प्रखंड की गर्री पंचायत के बनकनारी गांव की निवासी हलीमा खातून से जुड़ा है। उन्हें 2024 में आम बागवानी योजना का लाभ मिला था, जिसके तहत मजदूरों के भुगतान के लिए ₹1,38,688 की राशि स्वीकृत हुई थी। हलीमा का आरोप है कि भुगतान जारी करने के एवज में दोनों अभियंता बार-बार उनसे रिश्वत की मांग कर रहे थे और भुगतान रोककर दबाव बना रहे थे।
जाल बिछाकर की गई कार्रवाई
लगातार हो रही परेशानी से तंग आकर हलीमा खातून ने एसीबी में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का सत्यापन करने पर एसीबी की टीम ने पाया कि मजदूरों का भुगतान रोककर जबरन वसूली की जा रही थी। एसीबी ने इसके बाद जाल बिछाने का फैसला किया। शिकायतकर्ता को रसायन लगे नोट दिए गए।
शुक्रवार को जैसे ही हलीमा ने ₹5,000 की रिश्वत जेई आशीष कुमार को दी, उसने वह रकम अपने वरिष्ठ अभियंता राजीव रंजन को देने की बात कही। इसी बीच, पहले से घात लगाए बैठी एसीबी की टीम ने दोनों को दबोच लिया। जब राजीव रंजन का हाथ धुलवाया गया तो पानी का रंग बदल गया, जिससे रिश्वत लेने का पुख्ता सबूत मिला।
बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे की उम्मीद
इस घटना से पूरे प्रखंड कार्यालय और मनरेगा महकमे में हड़कंप मच गया है। लाभुक हलीमा खातून ने बताया कि यह केवल उनका ही मामला नहीं है, बल्कि प्रखंड के अन्य कई लाभुकों और मजदूरों से भी भुगतान के नाम पर कमीशन की मांग की जाती है। पैसा न देने पर भुगतान रोक दिया जाता था, जिससे मजदूरों को समय पर उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिल पाता था।
एसीबी की इस छापेमारी के बाद स्थानीय लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब बिना रिश्वत दिए भी उनका हक मिल पाएगा। एसीबी की टीम दोनों अभियंताओं को लेकर धनबाद रवाना हो गई है, जहां आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।