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Jharkhand Land Scam : एसीबी ने Nexgen संचालक को दबोचा, 2013 से चल रहा था खेल : Nexgen Director Arrested

Jharkhand Hindi News : आपराधिक षड्यंत्र के तहत अधिसूचित वन क्षेत्र की जमीन को गलत तरीके से जमाबंदी कराकर अपने पक्ष में दर्ज कराने का आरोप

by Rakesh Pandey
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Nexgen Director Arrested : रांची : जमीन घोटालों पर शिकंजा कसते हुए एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की है। Nexgen कंपनी के संचालक विनय कुमार सिंह को अवैध जमाबंदी कांड में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों की मिलीभगत से गैर मजरुआ खास और जंगल-झाड़ी किस्म की जमीन को फर्जी तरीके से अपनी कंपनी के नाम दर्ज कराया।

यह मामला नया नहीं है, बल्कि 2013 से चल रहा है। उस वक्त हजारीबाग डीसी ऑफिस ने पांच प्लॉट की जमाबंदी को रद्द कर दिया था। लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उसी साल विवादित जमीन की जमाबंदी को सही ठहरा दिया। इस उलझन भरे फैसले ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए थे। खास बात यह भी है कि वन विभाग ने तब स्पष्ट किया था कि जमीन अधिसूचित वन भूमि है और यहां किसी भी तरह का गैर-वानिकी कार्य भारतीय वन अधिनियम का उल्लंघन है।

Hazaribagh land case : 2013 में शुरू हुआ था विवाद, वन भूमि पर जमाबंदी का आरोप

विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र के तहत अधिसूचित वन क्षेत्र की जमीन को गलत तरीके से जमाबंदी कराकर अपने पक्ष में दर्ज कराया। हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त कार्यालय ने वर्ष 2013 में पांच प्लॉट की जमाबंदी को अवैध घोषित करते हुए उसे रद्द कर दिया था। हालांकि, उसी वर्ष राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस जमाबंदी को वैध ठहराया, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई।

Forest Land Encroachment : वन विभाग ने स्पष्ट किया था भूमि का अधिसूचित वन क्षेत्र होना

हजारीबाग वन प्रमंडल पदाधिकारी ने भी एक पत्र जारी कर यह स्पष्ट किया था कि जिस भूमि की जमाबंदी की गई है, वह अधिसूचित वन क्षेत्र में आती है। भारतीय वन अधिनियम के अनुसार, ऐसे क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का गैर-वानिकी कार्य या अतिक्रमण प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, आरोप है कि विनय सिंह ने अधिकारियों की मिलीभगत से इस जमीन की जमाबंदी कराई, जो कानून का उल्लंघन है।

land scam investigation : प्राथमिकी दर्ज होने के बाद एसीबी ने की गिरफ्तारी

इस मामले में 25 सितंबर को हजारीबाग थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद एसीबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विनय कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर झारखंड में जमीन घोटालों और सरकारी अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। यह मामला राज्य में भूमि सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता की गंभीरता को उजागर करता है।

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