Palamu (Jharkhand) : पलामू जिले से चोरी हुई करोड़ों रुपये की अनुमानित कीमत वाली हथिनी जयामति को आखिरकार बरामद कर लिया गया है। पलामू पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने हथिनी को बिहार के छपरा जिले के अमनौर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव से सुरक्षित पकड़ा। जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि हथिनी को गांव निवासी गोरख सिंह उर्फ अभिमन्यु को महज 27 लाख रुपये में बेच दिया गया था, जबकि इसकी वास्तविक बाजार कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इस पूरे गोरखधंधे में हथिनी के चार साझेदारों में से तीन और महावत की मिलीभगत सामने आई है। इन लोगों ने मिलकर वादी नरेंद्र कुमार शुक्ला (मिर्जापुर निवासी) को बिना बताए हथिनी का सौदा कर दिया था।
40 लाख में खरीदी, 27 लाख में बेच दी
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी नरेंद्र कुमार शुक्ला ने तीन अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर यह हथिनी 40 लाख रुपये में खरीदी थी। 11 अगस्त को वे हथिनी और उसके महावत से मिलने पलामू जिले के सदर थाना क्षेत्र के जोड़ इलाके पहुंचे थे। 13 अगस्त को लौटने के बाद शुक्ला को पता चला कि हथिनी और महावत दोनों गायब हैं। लंबी खोजबीन के बाद उन्होंने 12 सितंबर को पलामू सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस अधीक्षक (SP) के निर्देश पर गठित एक विशेष टीम को हथिनी में लगे ट्रैकिंग डिवाइस (चिप) से उसकी लोकेशन तक पहुंचने में अहम सफलता मिली। 29 सितंबर को मिली गुप्त सूचना के आधार पर, पलामू पुलिस ने छपरा पुलिस और वन विभाग के सहयोग से छापेमारी कर जयामति को बरामद किया।
महावत की भूमिका संदिग्ध, जांच जारी
पुलिस ने बताया कि जांच में यह खुलासा हुआ कि हथिनी की खरीद में चार साझेदार थे, लेकिन उनमें से तीन साझेदारों ने महावत के साथ मिलकर हथिनी को चोरी कर बेच दिया और वादी नरेंद्र शुक्ला को इस सौदे की कोई जानकारी नहीं दी गई। फिलहाल हथिनी को सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद खरीददार गोरख सिंह उर्फ अभिमन्यु को ही जिम्मेनामा पर सौंप दिया गया है। पलामू पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मामला अभी अनुसंधानाधीन है और पूरे नेटवर्क की गहन जांच जारी है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में इस कड़ी से और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।