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Saranda Wildlife Sanctuary Public Protest Minister Biruwa : सारंडा को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का ग्रामीणों ने किया विरोध, मंत्री बोले- जनता की भावना सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाएंगे

* आमसभा में तीन घंटे तक ग्रामीणों ने रखी अपनी राय, तीर-धनुष के साथ विरोध, मौसम की खराबी के कारण मंत्री राधाकृष्ण किशोर, दीपिका पांडे सिंह, चमरा लिंडा और संजय प्रसाद यादव कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके...

by Anand Mishra
Saranda Wildlife Sanctuary Public Protest Minister Biruwa
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Chaibasa (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिला स्थित सारंडा वन क्षेत्र (Saranda Forest Area) को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Wild Life Sanctuary) घोषित करने के प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को झारखंड सरकार की ओर से रोवांम फुटबॉल मैदान में एक विशाल आमसभा का आयोजन किया गया। इस सभा में लगभग 2500 ग्रामीणों ने भाग लिया और करीब तीन घंटे तक लगातार अपनी राय रखी।

डीएफओ ने बताया आमसभा का उद्देश्य

ग्रामीणों ने एकमत से कहा कि सेंचुरी बनने से उनकी संस्कृति, परंपरा और आजीविका पर गंभीर और नकारात्मक असर पड़ेगा। कार्यक्रम की शुरुआत सारंडा डीएफओ अभिरूप सिन्हा के संबोधन से हुई, जिन्होंने बताया कि इस आमसभा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों की राय लेकर उसे सरकार तक पहुंचाना है, ताकि सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सके।

ग्रामसभा की अनुमति और पुनर्वास की गारंटी की मांग

  • मानकी लागुड़ा देवगम ने स्पष्ट कहा कि यदि सेंचुरी बना है, तो सबसे पहले ग्रामीणों के विकास और पुनर्वास की गारंटी दी जानी चाहिए।
  • रामो सिद्धू (रोवांम) ने खदानों द्वारा जंगल और नदी-नालों को बर्बाद करने पर नाराजगी जताई और स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने का मुद्दा उठाया।
  • पंचायत समिति सदस्य रामेश्वर चांपिया ने ग्रामसभा की अनुमति के बिना सेंचुरी के औचित्य पर सवाल उठाया।
  • अमर सिंह सिद्धू ने चिंता व्यक्त की कि सेंचुरी बनने से आदिवासी परंपराएं समाप्त हो जाएंगी।
  • मानकी घाटकुरी सुरेश चांपिया ने मंच से तीर-धनुष उठाकर नारेबाजी की और इस निर्णय के विरोध में सड़कों पर आंदोलन की चेतावनी दी।

मुंडा रोवांम बुद्धराम सिद्धू, मदन सिद्धू और जयराम कुरकुद सहित तारासोय, मोताय सिद्धू, बुधराम लागुरी और अन्य ग्रामीणों ने भी एकमत से सेंचुरी निर्माण का विरोध किया। वक्ताओं ने वन विभाग और खनन कंपनियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी उनसे कोसों दूर हैं।

मंत्री दीपक बिरुवा का आश्वासन

सभा की अध्यक्षता कर रहे समिति के सदस्य सह मंत्री दीपक बिरुवा ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि सारंडा के ग्रामीणों की भावनाएं, सांस्कृतिक परंपराएं और आजीविका की विधि को झारखंड सरकार सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मजबूती से रखेगी। उन्होंने दोहराया कि झारखंड सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करती है और इस मामले में जनता की राय सर्वोपरि है।

ये अधिकारी व जनप्रतिनिधि थे उपस्थित

इस मौके पर सांसद जोबा माझी, विधायक सोनाराम सिंकू और जगत माझी, उपायुक्त चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित रेणु, सारंडा डीएफओ अभिरूप सिन्हा सहित कई अधिकारी और झामुमो प्रतिनिधि उपस्थित थे। मौसम की खराबी के कारण मंत्री राधाकृष्ण किशोर, चमरा लिंडा, संजय प्रसाद यादव और दीपिका पांडे सिंह कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। सभा का निष्कर्ष यह रहा कि सारंडा में विकास और वनवासियों के अधिकारों के बीच संतुलन आवश्यक है और बिना ग्रामसभा की सर्वसम्मति के सेंचुरी निर्माण स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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