Ranchi (Jharkhand) : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर अपराध जांच विभाग (CID) की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए उनसे “हवा हवाई बातें” छोड़कर जांच एजेंसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की बात कही है। बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ (X) पर लिखा है कि पिछले एक साल में CID के कार्यों की सार्वजनिक जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है, “हमने बार-बार आपको बताया है, चेतावनी भी दी है कि आपके प्रशासन में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं? आपका CID विभाग क्या गुल खिला रहा है?”
कफ सिरप जब्ती मामले में 14 महीने बाद भी गिरफ्तारी नहीं
मरांडी ने CID की संदिग्ध कार्यशैली का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले साल गुजरात पुलिस की सूचना के बाद धनबाद के बरवाअड्डा में पुलिस ने प्रतिबंधित कफ सिरप का एक बड़ा ज़खीरा ज़ब्त किया था, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि CID ने इस मामले को टेकओवर किया, लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई। मरांडी ने सवालिया सहजे में कहा है, “क्या हम इतने लालची हो गए हैं कि बच्चों को भी नहीं छोड़ेंगे? इस जानलेवा नशे को हमारी युवा पीढ़ी और बच्चों को बेचने की हिम्मत कैसे हुई?”
ACB और CID की विश्वसनीयता पर न्यायालय को भी संदेह
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ गृह मंत्रालय का दायित्व भी हेमंत सोरेन के पास है, लेकिन राज्य में भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) भी तय समय के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर रहा है। इसी तरह भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों की जांच पड़ताल में CID की कार्यशैली संदिग्ध रही है। मरांडी ने यह भी आरोप लगाया है कि पेपर लीक प्रकरण के आरोपियों को बचाना हो, नशे के कारोबारियों को संरक्षण देना हो या जमीन घोटाला करना हो, CID सदैव इन गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाई जाती रही है। यही वजह है कि आम जनता के साथ-साथ अब न्यायालय भी CID की कार्रवाई की विश्वसनीयता पर संदेह करता है।