Jamshedpur (Jharkhand) : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सारंडा फॉरेस्ट को सैंक्चुअरी घोषित करने का आदेश उनकी पांच साल की मांग की जीत है। उन्होंने कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ आदेश दिया है कि 314 वर्ग किलोमीटर (31468 हेक्टेयर) क्षेत्र को सैंक्चुअरी घोषित किया जाए, तो झारखंड सरकार को चाहिए कि बिना देर किए इस आदेश को लागू करें।
सरयू राय ने बताया कि 1968 में तत्कालीन बिहार सरकार ने अधिसूचना संख्या 1168एफ के तहत सारंडा के 314 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को सैंक्चुअरी घोषित किया था। यह फैक्ट केएस राजहंस द्वारा तैयार किए गए 20 वर्षीय वर्किंग प्लान (1976–96) में है।
सरयू ने कहा कि जब उन्होंने झारखंड विधानसभा में इस पर सवाल पूछा तो सरकार ने जवाब दिया कि नोटिफिकेशन की कापी नहीं है। इसके बाद वन्यजीव विशेषज्ञ डा॰ आरके सिंह ने 2022 में एनजीटी में याचिका दायर की, लेकिन सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया। तब प्रो डीएस श्रीवास्तव सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
सरयू राय ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि एक हफ्ते के अंदर सारंडा के 314 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को सैंक्चुअरी घोषित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। उन्होंने कहा कि “सरकार को अब टालमटोल नहीं करना चाहिए। बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का फौरन पालन करना चाहिए।”