रांची : गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को साहिबगंज जेल में शिफ्ट किया जाएगा। सुजीत सिन्हा फिलहाल पलामू सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा हैं। वह पलामू जिले के रेड़मा का रहने वाला है। सूत्रों का दावा है कि अपने होमटाउन की जेल में बंद कुख्यात सुजीत सिन्हा अंदर रहकर अपने गिरोह की गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
सुजीत सिन्हा का सोशल मीडिया अकाउंट लगातार एक्टिव है। फेसबुक आईडी को देखने से साफ पता चलता है कि यह ऑपरेट किया जा रहा है। यही नहीं स्थानीय जेल में बंद रहने के कारण गैंगवार की आशंका बनी हुई थी। इस मुद्दे को ‘द फोटोन न्यूज’ ने 09 अक्टूबर की अंक में प्रमुखता से उठाया था। खबर पर जेल आईजी ने संज्ञान लिया। इसके बाद जेल आईजी सुदर्शन कुमार मंडल ने कार्रवाई करते हुए ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया। इस मामले में पलामू डीआईजी और जेल अधीक्षक की ओर से सिफारिश की गई थी।
जेल अधीक्षक के लिखे गए पत्र के आधार पर हुई कार्रवाई
सुजित सिन्हा को दूसरे जेल में शिफ्ट करने के लिए पलामू डीआईजी और जेल अधीक्षक ने पत्र लिखा था। पत्र में सुजीत सिन्हा को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की गई थी। लंबा समय गुजारने के बाद भी सुजीत सिन्हा को शिफ्ट करने संबंधित आदेश जारी नहीं किए गए थे। 09 अक्टूबर की अंक में ‘द फोटोन न्यूज’ ने इस मुद्दे को उठाया। खबर छपने के बाद जेल आईजी ने यह कार्रवाई की। आदेश झारखंड कारा हस्तक 2025 के नियम 552, 528 और 560 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
कड़ी सुरक्षा में सुजीत को किया जाएगा ट्रांसफर
अपने आदेश में जेल आईजी ने लिखा है कि मेदनीनगर केंद्रीय कारा पलामू में बंद सुजीत सिन्हा को प्रशासनिक दृष्टिकोण से साहिबगंज मंडल कारा में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक पाया गया है। इस कारण उसके स्थानांतरण की अनुमति प्रदान की जाती है। आदेश के अनुसार, पलामू डीसी, एसपी और जेल अधीक्षक पलामू की निगरानी में कड़ी सुरक्षा में सुजीत को साहिबगंज जेल में ट्रांसफर किया जाएगा।
पहले चाईबासा जेल में था बंद, 10 अगस्त 2025 को लाया गया पलामू जेल
गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को 10 अगस्त 2025 को झारखंड के चाईबासा जेल से पलामू सेंट्रल जेल लाया गया था। पलामू जेल आने के बाद सुजीत की गतिविधियां बढ़ गई थी। वह जेल से भी कॉरपोरेट स्टाइल में गैंग चला रहा है। बता दें कि सुजीत सिन्हा के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज है़। पुलिस रिकॉर्ड में इसका नाम हत्या, वसूली, रंगदारी और हथियारों की तस्करी जैसे संगीन मामलों से जुड़ा है। सिर्फ पलामू जिले में ही उसके खिलाफ 20 से अधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। उस पर पलामू में रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर निर्माण स्थल और नेशनल हाई-वे कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला करने का आरोप है।
एनआईए की भी चल रही जांच
सुजीत सिन्हा के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की भी जांच चल रही है। सुजीत ने पलामू से ही अपराध की दुनिया में कदम रखा था। उस पर रांची, हजारीबाग, लातेहार, चतरा, रामगढ़ और पलामू समेत कई जिलों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के आरोप हैं।
गैंगवार की थी आशंका
फोटोन संवाददाता से बातचीत में जेल अधीक्षक ने गैंगवार की आशंका भी जाहिर की थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि होमटाउन के जेल में रहने के कारण गैंगवार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। चूंकि, सुजीत सिन्हा के पलामू जिले में कई विरोधी हैं। बता दें कि सुजीत सिन्हा के गैंग के कई सदस्य भी पलामू सेंट्रल जेल में ही बंद हैं। पलामू सेंट्रल जेल में पहले से कई कुख्यात अपराधी और नक्सली बंद हैं। पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप भी इसी जेल में है। ऐसे में बड़े अपराधियों के बीच कभी भी टकराव की स्थिति बन सकती थी।
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