Jamshedpur (Jharkhand) : देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हाल ही में हुए हमले की निंदनीय घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना के विरोध में जमशेदपुरवासी शनिवार को सड़क पर उतर आए। शनिवार को जमशेदपुर में डॉ. अंबेडकर एससी-एसटी माइनॉरिटी वेलफेयर समिति और भीम सेना के संयुक्त तत्वावधान में एक विरोध मार्च निकाला गया।
विरोध मार्च साकची से शुरू हुआ यह शांतिपूर्ण लेकिन आक्रोशपूर्ण मार्च शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए सीधे उपायुक्त कार्यालय (DC Office) तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान ‘संविधान की गरिमा बहाल करो’ और ‘आरोपित अधिवक्ता को तुरंत गिरफ्तार करो’ के नारे लगाए। उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर संगठनों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।
सिर्फ व्यक्ति नहीं, लोकतंत्र के मूल्यों पर प्रहार
विरोध मार्च के दौरान समिति के सदस्यों ने इस हमले को अत्यंत गंभीर बताते हुए अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश पर हुआ हमला केवल एक व्यक्ति पर किया गया आपराधिक कृत्य नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर भारतीय संविधान और स्वतंत्र न्यायपालिका की गरिमा पर किया गया जघन्य प्रहार है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्य देश के लोकतंत्र के मूल्यों और इसकी नींव के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है।
राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
भीम सेना और डॉ. अंबेडकर समिति के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से प्रशासन और राज्य सरकार को एक कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि यदि इस घिनौने कृत्य के आरोपित अधिवक्ता के खिलाफ शीघ्र और कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह विरोध केवल जमशेदपुर तक सीमित नहीं रहेगा।
प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि वे राज्यभर में एक व्यापक और बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और संविधान की मर्यादा की रक्षा करना प्रत्येक जागरूक नागरिक का न केवल अधिकार है, बल्कि यह उसका नैतिक और संवैधानिक दायित्व भी है। संगठन ने उम्मीद जताई है कि जिला प्रशासन उनकी मांगों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए न्याय सुनिश्चित करेगा।