Dhanbad ()Jharkhand) : झारखंड के धनबाद जिले के पूर्वी टुंडी इलाके में पिछले दो महीने से डायरिया का भयानक प्रकोप जारी है, जिसके कारण अब तक छह ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। घोषालडीह, आदिवासी टोला, भोक्ता टोला और शहरपुरा जैसे करीब 30 गांवों में स्थिति भयावह है और लोग अपनों को खोने के गम में डूबे हुए हैं। इस गंभीर स्वास्थ्य संकट के बावजूद, धनबाद स्वास्थ्य विभाग के उदासीन और लापरवाह रवैये से स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। डायरिया का यह प्रकोप पूर्वी टुंडी से शुरू होकर अब टुंडी और गोविंदपुर क्षेत्रों तक फैल चुका है, जिसमें 120 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। अभी भी 20 से ज्यादा पीड़ितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों और स्थानों पर चल रहा है, लेकिन विभाग इस पर काबू पाने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है।
मौत का सिलसिला और स्वास्थ्य विभाग की खानापूर्ति
- गणेश मरांडी (60), आदिवासी टोला (20 अगस्त)
- बुंदिया देवी (65), घोषालडीह (24 अगस्त)
- जयलाल भोक्ता, भोक्ता टोला (27 अगस्त)
- लक्ष्मण मुर्मू, शहरपुरा (1 सितंबर)
- मोतीलाल टुडू (60), तिलाबनी गांव, पूर्वी गोविंदपुर (29 सितंबर)
- महाराजागंज में एक अज्ञात ग्रामीण (हाल ही में)
जैसे लोग शामिल हैं। लटानी निवासी सुखदेव मरांडी बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की टीम कभी इलाके में नियमित रूप से नहीं आई। जब डायरिया फैला, तब भी चिकित्सक केवल खानापूर्ति के लिए आ रहे हैं।
जिप अध्यक्ष का आरोप-अधिकारी केवल टेंडर में व्यस्त
ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि अधिकारी केवल किसी मौत होने के बाद ही मौके पर आते हैं, जबकि बीमारी कई गांवों में फैली हुई है। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी वरीय अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन प्रखंड के बीडीओ भी मौके पर नहीं पहुंचते।
जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चौपट हो चुकी है और विभाग अभी तक पूर्वी टुंडी में डायरिया पर काबू नहीं पा सका है। शारदा सिंह ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “धनबाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को टेंडर से फुर्सत नहीं है।” उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक जैसे जिम्मेदार अधिकारी आम जनता की इस गंभीर परेशानी से अनजान बने हुए हैं, जबकि पीड़ितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।
राज्य स्तर से जांच का आश्वासन
इस गंभीर स्थिति पर आखिरकार राज्य स्तर से संज्ञान लिया गया है। राज्य के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के निदेशक प्रमुख शशि प्रकाश झा ने मामले को गंभीर बताते हुए चिंता व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य स्तर से इसकी जांच के लिए तुरंत एक टीम भेजी जाएगी और पूरे मामले पर राज्य स्तर से कड़ी नजर रखी जा रही है।
हालांकि, धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि विभाग की ओर से टीम गई थी और वह खुद भी मौके पर गए थे। उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी की जा रही है। बहरहाल, एनएचएम निदेशक ने कहा है कि उनकी टीम पीड़ितों का हाल जानने और उन्हें दी जा रही चिकित्सकीय सेवा की जानकारी लेने के लिए जल्द ही क्षेत्र का दौरा करेगी।