Dhanbad (Jharkhand) : कुड़मी जाति को एसटी सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में सोमवार को आदिवासी समाज की आक्रोश महारैली निकाली गई। रैली की शुरुआत गोल्फ ग्राउंड से ढोल-नगाड़ों की धुन पर हुई, जो उपायुक्त कार्यालय तक पहुंची। आदिवासी महिला-पुरुष पारंपरिक वेशभूषा, हथियार और झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

आदिवासी समान्य समिति, धनबाद के सदस्य वीरेन हांसदा ने कहा कि “कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने का मतलब आदिवासियों के हक और अधिकारों का हनन है।” उन्होंने कहा कि राज्य भर के आदिवासी एकजुट होकर इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
गोविंद टुडू ने बताया कि जिले के 17 आदिवासी संगठनों ने महारैली में भाग लिया। उनका कहना है कि कुर्मी समाज आदिवासी नहीं है, और उसे एसटी दर्जा देना इतिहास व परंपरा के साथ अन्याय होगा। उन्होंने 20 सितंबर को हुए रेल रोको आंदोलन का भी विरोध किया।
विनोद हांसदा, सोनोत संताल समाज टुंडी प्रखंड से, ने कहा कि अगर सरकार कुर्मी समाज को एसटी दर्जा देने की पहल करती है, तो झारखंड भर में बड़ा आंदोलन शुरू होगा। विरोध गांव से लेकर शहर तक किया जाएगा।
महारैली के कारण सिटी सेंटर से धैया रोड तक भारी जाम लग गया। करीब दो घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे, जिससे स्कूली छात्रों और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।