Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के. रवि कुमार ने 45-घाटशिला (अजजा) विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर पूर्वी सिंहभूम के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को कई आवश्यक और महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का मुख्य जोर उपचुनाव की तैयारी में पारदर्शिता और पीठासीन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने पर है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पीठासीन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण के दौरान ‘मॉक ड्रिल’ को अनिवार्य कर दिया है।
100 वोट डालकर VVPAT से मिलान जरूरी
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, सभी पीठासीन पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से मतदान का ‘मॉक ड्रिल’ करना होगा। इस अभ्यास के दौरान, उन्हें कम से कम 100 वोट डालकर यह सुनिश्चित करना होगा कि डाले गए वोटों का वीवीपैट (VVPAT) की पर्चियों से सही मिलान हो रहा है या नहीं। सीईओ के. रवि कुमार ने उपायुक्त को निर्देश दिया है कि यह मॉक ड्रिल पूरी होने के बाद, सभी पीठासीन पदाधिकारियों से इस संबंध में एक प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाए।
50 पदाधिकारियों के टेस्टीमोनियल सोशल मीडिया पर होंगे पोस्ट
पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए आयोग ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। इसके तहत, कम से कम 50 पीठासीन पदाधिकारियों द्वारा किए गए मॉक ड्रिल के संबंध में ‘टेस्टीमोनियल’ (प्रशंसापत्र) तैयार किए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी से कहा है कि इस टेस्टीमोनियल को तैयार कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी के सोशल मीडिया हैंडल्स और आधिकारिक वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पोस्ट किया जाए।
सीईओ के. रवि कुमार ने उपायुक्त से आयोग द्वारा निर्देशित मॉक ड्रिल सुनिश्चित कराने और इससे संबंधित प्रतिवेदन तथा टेस्टीमोनियल तैयार करके विभाग को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए व्यापक रूप से प्रसारित किया जा सके।


