- पश्चिमी सिंहभूम के गोइलकेरा स्थित तोडांगसाई स्कूल का भवन हुआ खंडहर, दो वर्षों बाद भी नहीं बना नया भवन
चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड के तोडांगसाई गांव में स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय का भवन खंडहर हो चुका है। स्कूल भवन की दीवारें गिरने की हालत में हैं और छत के प्लास्टर भी झड़ रहे हैं। इस स्थिति में बच्चों का यहां बैठ कर पढ़ना खतरे से खाली नहीं है। दो साल पहले शिक्षकों ने बच्चों को पेड़ के नीचे बैठा कर पढ़ाना शुरू किया था, लेकिन प्रशासन ने जुलाई 2023 में स्कूल को प्राथमिक विद्यालय रुकमुट में शिफ्ट कर दिया।

एक कमरे में दो स्कूल
रुकमुट में एक कमरे में उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तोडांगसाई का संचालन होता है, जबकि दूसरे कमरे में प्राथमिक विद्यालय रुकमुट संचालित होता है। यह कमरा भी जर्जर अवस्था में है और बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने के कारण छत के नीचे तिरपाल बांधकर बच्चों को पढ़ाया जाता है।
सरकार की अनदेखी
यह मामला झारखंड में शिक्षा की बुनियादी ढांचा की खराब स्थिति को दर्शाता है। सरकार रंगरोगन के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन जहां स्कूल भवन जरूरी है वहां इसका निर्माण नहीं कराया जाता। यह स्थिति शिक्षा के अधिकार को प्रभावित कर रही है और बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रही है।
दूरी अधिक, आधी हुई बच्चों की संख्या
तोडांगसाई गांव से शिफ्ट कर रूमकूट में चलाए जा रहे स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण अभिभावक इस स्कूल में बच्चों का नामांकन कराने से भी कतराने लगे हैं। पहले जब तोडांगसाई में स्कूल संचालित होता था तो 80 से 85 बच्चे पढ़ते थे। दो साल से स्कूल को रुमकूट में शिफ्ट किए जाते ही छात्रों की संख्या आधी हो गई है। इस मामले में प्रशासन की उदासीनता दिख रही है। सरकार दो वर्षों में इस आदिवासी बहुल गांव में एक स्कूल भवन तक नहीं बना पाई है।
प्रखंड के 35 स्कूलों के भवन जर्जर
गोइलकेरा प्रखंड अंतर्गत करीब डेढ़ सौ सरकारी विद्यालय संचालित हैं। इनमें से 35 स्कूलों का भवन बेहद जर्जर हालत में है। प्रखंड संसाधन केंद्र से इसको लेकर जिले के अधिकारियों को अवगत कराया जाता रहा है। लेकिन न भवनों की मरम्मत हो रही न ही नए स्कूल भवन बन रहे। मासूम बच्चों की जान सांसत में है।
केस एक : गोइलकेरा प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूरी पर स्थित तोडांगसाई प्राथमिक विद्यालय का भवन दो साल पहले उपयोग विहीन हो गया। प्रशासन ने स्कूल भवन को खाली करा दिया और इसे रूमकुट गांव के प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट कर दिया। तोडांगसाई स्कूल को दो वर्षों से भवन का इंतजार है।
केस दो : गोइलकेरा का उत्क्रमित मध्य विद्यालय लाजोरा बाहर से चकाचक नजर आता है। अंदर वर्ग कक्षों की हालत खस्ता है। जर्जर होते भवन के कमरों के प्लास्टर झड़ रहे हैं। बच्चे सहमे हुए शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। शिक्षकों को भी भय सताता है। निर्माण के बाद डेढ़ दशक में स्कूल भवन की कभी मरम्मत नहीं हुई।
रंग रोगन और सामनों की आपूर्ति में 41 करोड़ खर्च
पश्चिम सिंहभूम जिले के 890 स्कूलों में डीएमएफटी मद से 41 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह खर्च स्कूलों के रंग रोगन और सामानों की आपूर्ति में खर्च हुए हैं। जबकि अधिकांश स्कूलों में भवनों की हालत खस्ता है।
जिले को भेजी गई है सूची : बीपीओ
गोइलकेरा बीआरसी के बीपीओ राजेश गुप्ता ने बताया कि स्कूल भवनों की मरम्मत और नए कमरों के निर्माण से संबंधित प्रतिवेदन जिला कार्यालय को समयांतराल पर भेजा जाता है। तोडांगसाई स्कूल भवन निर्माण के लिए भी पत्राचार किया गया है।
एक कमरे में चल रहा स्कूल : शिक्षिका
तोडांगसाई स्कूल की शिक्षिका गीता गुंदुवा ने बताया कि दो साल से स्कूल रूमकुट प्राथमिक विद्यालय के एक कमरे में चल रहा है। दूरी की वजह से बच्चे कम आते हैं। बरसात में छत टपकती है, प्लास्टिक बांधना पड़ता है।

