जमशेदपुर : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने प्रतिष्ठित ‘डेरोजियो अवार्ड्स 2025’ के विजेताओं की घोषणा कर दी है। स्कूली शिक्षा और मानवीय उत्थान में अनुकरणीय सेवा के लिए सीआईएससीई की ओर से यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। चंडीगढ़ में गुरुवार से आरंभ दो दिवसीय ‘स्कूल हेड्स मीट’ (School Heads’ Meet) में इस पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की गई। वहीं शुक्रवार को कार्यक्रम के समापन समारोह में विजेताओं को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जस्टिस विक्रमजीत सेन प्रदान प्रदान करेंगे।
क्या है डेरोजियो अवार्ड?
CISCE द्वारा स्थापित, डेरोजियो अवार्ड्स उन व्यक्तियों को सम्मानित करते हैं जिनके नेतृत्व और योगदान ने शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत किया है। यह सम्मान उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव डाला है। प्रत्येक विजेता को 24 ग्राम सोने का मेडल, चांदी में उत्कीर्ण एक प्रशस्ति पट्टिका, एक सम्मान पत्र (Scroll) और 1 लाख रुपये पुरस्कार राशि दी जाती है।
डेरोजियो अवार्ड्स 2025 के विजेता
जूरी ने देश भर से असाधारण समर्पण का प्रदर्शन करने वाले चार शिक्षाविदों का चयन किया है। इनमें उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित सेंट एंटनी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. (फादर) शिनोज किझक्केमुरियिल, झारखंड के जमशेदपुर स्थित गुलमोहर हाई स्कूल की प्रिंसिपल प्रीति सिन्हा, केरल के ऑक्जिलियम नव ज्योति स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर सीना जोसेफ और उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योति विद्यालय की स्नातक प्रशिक्षित शिक्षिका कुसुम उनियाल शामिल हैं।
उत्कृष्टता को प्रेरित करने वाले को सम्मान : डॉ. जी. इम्मानुएल
पुरस्कार के विजन पर बात करते हुए जूरी के चेयरमैन डॉ. जी. इम्मानुएल ने कहा, “डेरोजियो पुरस्कार उन शिक्षकों का उत्सव है जिनका नेतृत्व समाज का उत्थान करता है। हमारा उद्देश्य उन लोगों को सम्मानित करना है जो उत्कृष्टता को प्रेरित करते हैं।” CISCE के मुख्य कार्यकारी और सचिव, डॉ. जोसेफ इम्मानुएल ने कहा, “इस वर्ष के पुरस्कार विजेता असाधारण समर्पण, साहसिक नवाचार और गहरे मानवीय प्रभाव की मिसाल हैं।” पुरस्कार मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. फादर शिनोज ने कहा, “मैं यह सम्मान पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह हमें और अधिक उद्देश्य के साथ नवाचार करने के संकल्प को नया रूप देता है।”
चंडीगढ़ में शुरू हुई ‘स्कूल हेड्स मीट’
एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट की ओर से आयोजित दो दिवसीय प्रधानाचार्यों का सम्मेलन (School Heads’ Meet) गुरुवार को चंडीगढ़ में शुरू हुआ। ‘बिल्डिंग स्ट्रॉन्गर स्कूल्स टुगेदर’ (Building stronger schools Together) थीम पर आधारित इस सम्मेलन में देश भर के CISCE से संबद्ध स्कूलों के 2,000 से अधिक प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन के उद्घाटनकर्ता राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने CISCE की विरासत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “काउंसिल ने शिक्षा के उच्च मानकों को लगातार बनाए रखा है। हमें छात्रों को केवल व्हाइट-कॉलर जॉब्स के लिए ही नहीं, बल्कि खेल, उद्यमिता और नवाचार के लिए भी तैयार करना होगा।” आयोजकों ने बताया कि शुक्रवार को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ सम्मेलन संपन्न होगा, जो भारत के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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