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कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर (TWITTER) पर ठोका 50 लाख का जुर्माना: जानें क्या है पूरा मामला, क्यों किया गया था अकाउंट ब्लॉक

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क नई दिल्ली :  कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सोशल साइट्स ट्विटर  (TWITTER) पर 50 लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार की कार्रवाई पर ट्विटर (TWITTER) की ओर से कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। जिसे ने कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए ट्विटर पर 50 लाख के जुर्माना के साथ ही कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण, बेंगलुरू के तहत 45 दिनों के भीतर पैसे के भुगतान का निर्देश दिया है। जुर्माने की रकम को समय पर जमा नहीं करने पर प्रति दिन 5 हजार अतिरिक्त चार्ज ट्विटर को देना होगा। इससे पहले ट्विटर (TWITTER)  ने कहा था केंद्र सरकार को सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। इस याचिका को लेकर ट्विटर ने कर्नाटक हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसको लेकर केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि देश की संप्रभुता से खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। साथ ही अपने तर्क में कहा कि देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या लगभग 85 करोड़ है। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें देश के विरोध में हो रहे प्रचार, फर्जी खबरें, नफरत भरे भाषणों से बचाये। इस तरह के तत्व देश की शांति भंग कर सकते है।

क्या था टि्वटर का अदालत में पक्ष

अपनी याचिका मे ट्विटर (TWITTER)  ने दावा किया था कि यह कानून का उल्लंघ सेक्शन 69 A के तहत यूजर्स को उसके अकाउंट ब्लॉक होने की जानकारी देनी होती है। इस मामले में सरकार के मंत्रालय द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गयी। वहीं इस दलील के विरुद्ध केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि सरकार की प्रमुख जिम्मेदारी देश की सुरक्षा करने की है। अगर कोई देश के संप्रभुता से खिलवाड़ करेगा तो निश्चित ही उसके खिलाफ सरकार एक्शन लेगी। सरकारी वकील ने कहा कि ट्विटर के ब्लॉक करने का मुख्य कारण यही है। उन्होंने कहा कि लिंचिंग, हिंसा की घटना को रोकने के लिए सरकार को इस तरह का कदम उठाना पड़ता है।

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फैसले में जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने क्या कहा?

जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि सरकार के पास ट्वीट और अकाउंट को ब्लॉक करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने अपने फैसले में सुनाया कि ट्विटर कोई छोटा किसान नहीं है, बल्कि यह बिलियन डॉलर की कंपनी है। ट्विटर को सरकार के नियमों की जानकारी होनी चाहिए।

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