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वैग्नर प्रमुख की दुर्घटना में मौत के बाद इस संगठन से जुड़े सैनिकों में विद्रोह की स्थिति, जाने इस समूह से जुड़ी ए टू जेड जानकारी

by Rakesh Pandey
वैग्नर प्रमुख की दुर्घटना में मौत
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मॉस्को। निजी सैन्य संगठन वैग्नर समूह की उपस्थिति सीरिया की प्राचीन युद्ध भूमि से लेकर उपसहारा अफ्रीकी क्षेत्र तक विस्तृत है जो निजी सैनिकों के साथ क्रेमलिन के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है, लेकिन एक निजी विमान दुर्घटना में वैग्नर प्रमुख की कथित मौत के बाद इस संगठन के सैनिक अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। अब तक वैग्नर समूह येवगेनी प्रिगोझिन के अधीन रहा है।

वैग्नर प्रमुख की दुर्घटना में मौत के बाद इस संगठन जुड़े सैनिकों में विद्रोह की स्थिति

इस हफ्ते की शुरुआत में जारी किये गये एक वीडियो में प्रिगोझिन किसी अज्ञात सूखे और धूल भरे मैदान में एक असॉल्ट राइफल के साथ सैन्य वर्दी में दिख रहे हैं। यह उनका आखिरी वीडियो भी हो सकती है। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैग्नर रूस को सभी महाद्वीपों पर और भी महान बना रहा है और अफ्रीका को और भी अधिक स्वतंत्र बना रहा है।

हालांकि इसके बाद एक विमान दुर्घटना में उनके मारे जाने की खबर सामने आयी। ऐसे में अब इस निजी सैनिक समूह के भविष्य को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही है। विदित हो कि वैग्नर पर क्रूर बलों का इस्तेमाल करने और जब्त की गयी खनिज संपदा से मुनाफा कमाने का आरोप है।

पुतिन को चुनौती देना प्रिगोझिन को पड़ा भरी:

निजी सैनिक उपलब्ध कराने वाले वैग्नर समूह के प्रमुख प्रिगोझिन और उनके शीर्ष सहयोगियों को लेकर जा रहा एक निजी जेट मॉस्को के उत्तर पश्चिम में बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को चुनौती देने वाले सशस्त्र विद्रोह का प्रिगोझिन के नेतृत्व करने के दो महीने बाद यह घटना घटी। बड़े पैमाने पर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रिगोझिन (कथित तौर पर मर चुके) को उसके विद्रोह के लिए निशाना बनाया गया था। हालांकि, क्रेमलिन ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है।

यूक्रेन से युद्ध के बीच अब क्रेमलिन को नये सहयोगियों की तलाश :

अफ्रीका रूस के लिए आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इस साल गर्मी के दौरान वैग्नर ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य में एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह सुनिश्चित करने में मदद की जिसने राष्ट्रपति की शक्ति को मजबूत किया, यह सशस्त्र विद्रोहियों से लड़ने में माली की सेना का एक प्रमुख भागीदार है और इसने नाइजर में सैन्य जुंटा से संपर्क किया जो तख्तापलट के बाद इसकी सेवाएं चाहता है।

संबंधों का विस्तार करना और अफ्रीका में पश्चिमी प्रभाव को कम करना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि यूक्रेन से युद्ध के बीच क्रेमलिन को नये सहयोगियों की तलाश है, जहां वैग्नर बलों ने भी एक महत्वपूर्ण लड़ाई जीतने में मदद की थी।

क्या वैग्नर के सैनिक पैदा कर रहे अस्थिरता :

अफ्रीका के 54 देश संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा मतदान समूह हैं और मॉस्को ने अपने हमले के प्रति उनका समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने शुक्रवार को कहा कि वैग्नर के सैनिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं।

हमने अफ्रीका के देशों को उनकी उपस्थिति के साथ-साथ उनके कार्यों की निंदा करने के लिए प्रोत्साहित किया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रिगोझिन के निधन से निश्चित रूप से वैग्नर समूह पर गहरा और अस्थिर करने वाला प्रभाव पड़ेगा। लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने वैग्नर के भविष्य के बारे में टिप्पणी करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

2014 में हुई थी वैग्नर समूह की स्थापना :

प्रिगोझिन ने वर्ष 2014 में वैग्नर समूह की स्थापना की थी जिसका मकसद केवल रूसी के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना नहीं था। सीरिया, लीबिया, सूडान और अन्य जगहों पर समूह के ठेकेदारों ने खुद को समृद्ध करने के लिए उन देशों की खनिज और ऊर्जा संपदा का दोहन किया।

मध्य अफ्रीकी गणराज्य के विधायक और विपक्षी नेता मार्टिन जिगुएले ने कहा कि वैग्नर समूह सोने का खनन, लकड़ी और अन्य उद्योगों में सक्रिय थे, वह भी बिना कर चुकाए। उन्होने कहा कि हम केवल यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यह लूटपाट है।विद्रोह के बाद पुतिन और प्रिगोझिन में हुए समझौते के तहत वैग्नर के लड़ाके माफी मिलने के बदले बेलारूस चले गये।

जानिए वैग्नर समूह को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के क्या हैं विचार :

हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि नाइजर में हुए तख्तापलट में रूस या वैग्नर की कोई भूमिका थी, लेकिन आशंका है कि क्रेमलिन पश्चिम अफ्रीका में पश्चिमी देशों को कमजोर करने के लिए इसका फायदा उठा सकता है। माली में भाड़े के सैनिक सक्रिय हैं और बुर्किना फासो में भी उनकी संदिग्ध उपस्थिति है। नाइजर के निवासियों का कहना है कि प्रिगोझिन की कथित मौत रूस को अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने से नहीं रोक पायेगी।

बैग्नर पर चरमपंथियों की मदद करने का है आरोप:

नियामी की दर्जी बाराउ सुलेमानिन ने कहा कि हमारा मानना ​है कि रूस यहां अपना आधार बनाना चाहता है और लोकप्रिय होना चाहता है। यह स्पष्ट है कि वे यहां रहना चाहते हैं। माली में एक सैन्य जुंटा ने 2020 में सत्ता पर कब्जा कर लिया और फ्रांसीसी सैनिकों, राजनयिकों और मीडिया को निष्कासित करने के साथ एक दशक लंबे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन को समाप्त करने का आदेश दिया।

हालांकि, माली की सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर इसे मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन बैग्नर के सैनिकों को ग्रामीण उत्तर में काम करने के लिए जाना जाता है, जहां विद्रोही और चरमपंथी समूह सरकार के खिलाफ सक्रिय हैं।

वैग्नर का रहा है खूनी इतिहास :

ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि माली की सेना वैग्नर के संदिग्ध भाड़े के सैनिकों के साथ मिलकर नरसंहार, लूटपाट और अपहरण करने में शामिल है। नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अली नौहौम डायलो ने कहा कि वैग्नर के माध्यम से हमने जो अनुभव किया है, वह है हमारे लोगों का नरसंहार करते थे।

बेलारूस में रूसी सैनिकों पर निगरानी रखने वाले एक समूह बेलारूसी हाजुन ने गुरुवार को कहा कि उपग्रह छवियों से पता चलता है कि वैग्नर शिविर में एक तिहाई से अधिक तंबू नष्ट हो गये हैं, जो उनके संभावित पलायन का संकेत है। लेकिन राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूस में लगभग 10,000 सैनिकों को रखने पर जोर दे रहे हैं जिसका विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है।

बेलारूस से निर्वासित विपक्षी नेता स्वियातलाना तिखानौस्काया ने कहा कि प्रिगोझिन की मृत्यु से बेलारूस में वैग्नर समूह की मौजूदगी समाप्त हो जानी चाहिए, जिससे हमारे देश और उसके पड़ोसियों के लिए खतरा कम हो जाएगा।

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