हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : बरसात के मौसम में कुछ बीमारियां अधिक देखी जाती हैं। इसमें पीलिया भी एक प्रमुख रूप से शामिल हैं, जिसे अंग्रेजी में Jaundice कहा जाता है। आज कल अस्पतालों में पीलिया के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि बरसात में इसके मरीज क्यों बढ़ जाते हैं।
बरसात में क्यों बढ़ जाता है पीलिया
शायद नहीं तो आइए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं। झारखंड के जाने-माने फिजिशियन डा. अश्विनी जैसवाल कहते हैं कि पीलिया एक तरह से दूषित खान-पान से होने वाली बीमारी है, जिसके कारण बरसात के दिनों में इसके मरीज बढ़ जाते हैं।
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पीलिया क्या है
पीलिया को अंग्रेजी में ज्वाइंडिस के नाम से जाना जाता है। दरअसल, पीलिया क्या होती है, इसके बारे में भी आपको जानना जरूरी है। ताकि इससे आप आगे आसानी से बच सकते हैं। जब आपके शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है और किसी कारणों से लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं तो पीले रंग के बिलीरुबिन का निर्माण होता है। जिसे पीलिया बीमारी के नाम से जाना जाता है। बिलीरुबिन का निर्माण शरीर के उत्तकों और खून में होता है। अगर, समय पर इसका इलाज नहीं हो तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
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बरसात में पीलिया होने का मुख्य वजह
– पीलिया मुख्य रूप से दूषित भोजन करने की वजह से होती है।
– बरसात के दिनों में लोग दूषित भोजन के शिकार हो जाते हैं।
– लोग घर में बासी भोजन या फिर बाहर में जहां-तहां लगने वाले ठेलों पर अधिक भोजन करते हैं।
– इस दौरान लोग दूषित भोजन के शिकार हो जाते हैं।
– वातावरण में मौजूद वायरस और वैक्टीरिया भोजन को जल्दी खराब कर देते हैं।
– संक्रमित पानी पीने से भी पीलिया रोग हो जाता है।
– बारिश के दिनों में पानी पीने से पूर्व उसे अच्छी तरह से देख लें। स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। घर में पानी को आप उबाल कर भी पी सकते हैं।
– पित्त की नली में रुकावट होने के कारण भी पीलिया हो सकता है।
– हेपेटाइटिस ए, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी का वायरस यदि शरीर में पहुंच जाए तब भी पीलिया हो सकता है।
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पीलिया का लक्षण क्या है
– जरूरी नहीं है कि हर पीलिया मरीजों में एक जैसा लक्षण दिखाई दें।
– बुखार होना।
– पेट में दर्द होना।
– ठंड लगना।
– फ्लू के लक्षण दिखना।
– त्वचा का रंग बदलना।
– यूरिन का रंग गाढ़ा पीला होना।
– वजन घटना
– त्वचा पर खुजली होना।
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पीलिया को लेकर लोगों को जागरूक होने की जरूरत
पीलिया का इलाज संभव है लेकिन कई बार मरीज काफी देर से पहुंचते हैं। खासकर ग्रामीणों को अधिक जागरूक होने की जरूरत है। इस बीमारी को लेकर ग्रामीणों में जागरूकता की भारी कमी है। जब किसी मरीज के शरीर में पीलिया के लक्षण जैसे शरीर का पीला होना आदि सामने आता है तो उसके परिजन मरीज को लेकर किसी ओझा-गुनी के पास लेकर चले जाते हैं। इस दौरान जब ठीक नहीं होता तो वे अंतिम समय में चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। तब तक काफी देर हो चुका होता है और इस दौरान मरीज की मौत तक हो जाती है।
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क्या है इलाज
शुरुआती समय में बीमारी की पहचान होने से इसका इलाज संभव है। लेकिन जब बीमारी की पहचान देरी से होती है वह स्थिति काफी गंभीर हो जाती है। दरअसल, इस बीमारी में दवा के साथ-साथ खान-पान में विशेष बदलाव कर बीमारी को ठीक किया जाता है। तेल-मसाले वाले भोजन पर तत्काल बंद करने की सलाह दी जाती है। रोजाना के आहार में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी होती है।
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पीलिया के मरीज क्या खाएं और क्या नहीं खाएं
– पीलिया में खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत होती है।
– नीम के पत्तियों का सेवन करें। यह काफी लाभदायक होता है।
– छाछ का सेवन करें।
– नारियल पानी पीएं।
– मूली का रस पिएं।
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