स्पेशल डेस्क, नई दिल्ली: देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। इस बीच सूर्य-पृथ्वी के एल1 प्वाइंट (L1 Point) को जाने वाले आदित्य एल1 ने पृथ्वी और चंद्रमा की सेल्फी और तस्वीरें ली हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आदित्य एल1 की खींची गई तस्वीरों को सोशल मीडिया साइट एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया है।
दो कक्षाओं के चक्कर हुए पूरे
स्पेस क्राफ्ट आदित्य एल1 पहले ही पृथ्वी से जुड़े दो कक्षाओं का चक्कर पूरा कर चुका है। बता दें कि 5 सितंबर को, आदित्य एल1 ने पृथ्वी से जुड़े दूसरे कक्षा का चक्कर सफलतापूर्वक पूरा किया था। इससे पहले 3 सितंबर को आदित्य एल1 ने देश के पहले सूर्य मिशन के लिए पृथ्वी की पहली कक्षा का चक्कर पूरा किया था।
क्यों महत्वपूर्ण है आदित्य एल1 मिशन?
यह मिशन सूर्य के वर्णक्रम, चुंबकीय क्षेत्र और सौर गतिविधि का अध्ययन करने के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यह मिशन सूर्य के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेगा, जिनका उपयोग सौर गतिविधि का पूर्वानुमान लगाने और सौर विकिरण से पृथ्वी की रक्षा करने के लिए किया जाएगा। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की ताकत और क्षमता को प्रदर्शित करता है।
Aditya-L1 Mission:
👀Onlooker!Aditya-L1,
destined for the Sun-Earth L1 point,
takes a selfie and
images of the Earth and the Moon.#AdityaL1 pic.twitter.com/54KxrfYSwy— ISRO (@isro) September 7, 2023
10 सितंबर को निर्धारित है तीसरी प्रक्रिया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि आदित्य एल1 की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया 10 सितंबर, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग ढाई बजे निर्धारित है। यह प्रक्रिया आदित्य एल1 को पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकालकर पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (L1) पर ले जाएगी।
आदित्य एल1 है खास
आदित्य एल1 पहली भारतीय अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो L1 बिंदु पर रहकर सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी। L1 बिंदु पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित एक स्थिर बिंदु है, जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) एक दूसरे को संतुलित करते हैं। इससे आदित्य एल1 को सूर्य की ओर लगातार खींचे जाने से बचाया जाएगा।
READ ALSO : I.N.D.I.A गठबंधन की मांग, संसद के विशेष सत्र का एजेंडा बताए केंद्र सरकार
दो सितंबर को हुआ था सफल प्रक्षेपण
इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C57) ने दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण किया था। इस उपग्रह की कक्षा संबंधी पहली प्रक्रिया को तीन सितंबर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था। इस प्रक्रिया में आदित्य एल1 को पृथ्वी की कक्षा में 1.5 लाख किलोमीटर की दूरी पर ले जाया गया था।

