प्रयागराज : महाकुंभ मेले में एक अजीब और हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें झारखंड के एक परिवार ने 27 साल बाद अपने लापता सदस्य को खोज निकाला। परिवार का दावा है कि वे पिछले 27 साल से गुमशुदा गंगासागर यादव को महाकुंभ में एक ‘अघोरी’ साधु के रूप में पहचानने में सफल हो गए हैं, जिनका नाम अब बाबा राजकुमार है।
1998 में लापता हुए थे गंगासागर यादव
गंगासागर यादव 1998 में अचानक पटना गए थे और उसके बाद उनका कोई भी संपर्क नहीं हुआ। उनके लापता होने के बाद उनका परिवार काफी परेशान था, लेकिन किसी भी तरह का सुराग नहीं मिल पाया था। गंगासागर की पत्नी धनवा देवी ने अकेले ही अपने दो बेटों, कमलेश और विमलेश को पाला और उम्मीद छोड़ दी थी कि वे कभी अपने पति को देख पाएंगी।
कुंभ मेले में हुआ चमत्कारी मिलन
हाल ही में परिवार को एक बड़ी खबर मिली जब उनके एक रिश्तेदार ने कुंभ मेले में एक साधु को देखा, जो गंगासागर जैसा दिखता था। उन्होंने इस साधु की तस्वीर खींची और परिवार को भेजी। तस्वीर देखकर परिवार में उम्मीद की एक नई किरण जगी, और वे तुरंत धनवा देवी और उनके बेटों के साथ प्रयागराज पहुंचे।
बाबा राजकुमार ने नकारा पुरानी पहचान
जब परिवार ने साधु को गंगासागर यादव के रूप में पहचान लिया, तो उन्होंने अपना दावा किया कि यही उनका खोया हुआ सदस्य है। हालांकि, बाबा राजकुमार ने इस दावे को पूरी तरह से नकार दिया। उन्होंने कहा कि उनका गंगासागर से कोई संबंध नहीं है और वे खुद को वाराणसी का साधु बताते हैं। इस दौरान उनके साथ मौजूद एक साध्वी ने भी बाबा की बात का समर्थन किया और कहा कि वह गंगासागर नहीं हैं।
परिवार ने विशेष पहचान चिह्नों के आधार पर किया दावा
परिवार का कहना है कि उन्होंने बाबा राजकुमार को गंगासागर यादव के रूप में पहचाना, क्योंकि उनके शरीर पर कुछ खास पहचान चिह्न थे। परिवार ने गंगासागर के लंबे दांत, माथे पर लगी चोट के निशान और घुटने पर पुराने घाव को आधार बनाते हुए दावा किया कि यह वही व्यक्ति है। परिवार ने कुंभ मेले की पुलिस से मदद की अपील की और गंगासागर की पहचान साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने की मांग की।
डीएनए टेस्ट कराने की योजना
गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा, ‘हम कुंभ मेले के खत्म होने तक इंतजार करेंगे और अगर जरूरी हुआ तो हम डीएनए टेस्ट करवाकर सच्चाई सामने लाएंगे। अगर टेस्ट में हमारा दावा गलत साबित हुआ तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांग लेंगे’। फिलहाल, परिवार के कुछ सदस्य घर लौट चुके हैं, लेकिन कुछ सदस्य अब भी कुंभ मेले में रहकर बाबा राजकुमार पर नजर बनाए हुए हैं।
गुमशुदगी के बाद परिवार का टूटना
गंगासागर यादव की गुमशुदगी के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया था। उनका बड़ा बेटा उस समय केवल दो साल का था। अब यह देखना बाकी है कि क्या डीएनए टेस्ट से परिवार का दावा सही साबित होता है या फिर यह परिवार किसी गलतफहमी का शिकार हो गया है।
इस घटनाक्रम ने महाकुंभ मेले को एक नया मोड़ दे दिया है, और अब यह देखना बाकी है कि क्या परिवार को अपने खोए हुए सदस्य की वापसी का सच जानने का मौका मिलेगा।