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क्वाड के बाद, भारत ‘स्क्वाड’ समूह का हिस्सा, जो दक्षिण चीन सागर पर रखता है नजर

फिलीपींस ने खुले तौर पर 'स्क्वाड' को चीन की आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ एक जवाबी कदम के रूप में वर्णित किया है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क : भारत पहले से ही क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) का हिस्सा है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं और इसका मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर निगरानी रखना है। अब, भारत एक और बहुपक्षीय गठबंधन का हिस्सा बनने जा रहा है, जिसे ‘स्क्वाड’ (Squad) समूह कहा जाता है, जो दक्षिण चीन सागर में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है।

‘स्क्वाड’ में फिलीपींस और भारत के क्वाड साझीदार हैं– जापान, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका। वे दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच इस सैन्य गठबंधन का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें भारत और दक्षिण कोरिया को शामिल किया जा सकता है।

दिल्ली में हुए रायसीना संवाद 2025 के दौरान, फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो ब्रॉव्नर ने कहा कि उनका देश चीन की विस्तारवादी गतिविधियों को रोकने के लिए स्क्वाड समूह के साथ मिलकर अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, जैसा कि ‘फिलीपींस स्टार’ ने रिपोर्ट किया।
उन्होंने एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘हम जापान और अपने साझीदारों के साथ मिलकर ‘स्क्वाड’ का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इसमें भारत और शायद दक्षिण कोरिया को भी शामिल किया जा सके’।

SQUAD क्या है

ब्रॉव्नर ने स्क्वाड समूह को सैन्य मामलों, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और संयुक्त अभ्यासों और अभियानों पर अनौपचारिक सहयोग के रूप में वर्णित किया। पिछले साल से, उनके रक्षा बलों ने फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर में संयुक्त समुद्री गतिविधियां की हैं।

फिलीपींस ने खुले तौर पर ‘स्क्वाड’ को चीन की आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ एक जवाबी कदम के रूप में वर्णित किया है। जापान और फिलीपींस दोनों ने क्षेत्र में चीन के साथ अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर तनावों का सामना किया है, खासकर मनीला ने विवादित जल में कई बढ़ते संघर्षों का सामना किया है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है, जो एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जहां से हर साल $3 ट्रिलियन का शिप-बोर्न व्यापार गुजरता है। यह ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम के साथ उसके दावे में टकराव उत्पन्न करता है। 2016 में एक पंचाट निर्णय ने चीन के विस्तृत दावे को अमान्य कर दिया था, लेकिन बीजिंग इस फैसले को मान्यता नहीं देता।

भारत की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है

ब्रॉव्नर ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारत के साथ समानता पाते हैं क्योंकि हमारे पास एक समान दुश्मन है और मैं यह कहने से डरता नहीं हूं कि चीन हमारा काॅमन दुश्मन है। इसलिए, हमारे लिए एक साथ सहयोग करना, शायद खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करना, यह महत्वपूर्ण है’। उन्होंने यह भी बताया कि फिलीपींस पहले ही भारतीय सैन्य बलों के साथ साझेदारी कर चुका है।

फिलीपींस के थलसेना प्रमुख ने कहा कि वे भारत के स्क्वाड सदस्यता के लिए संभावनाओं को खोलने पर विचार करेंगे और भारतीय रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान से इस मुद्दे पर बैठक करेंगे। एक वरिष्ठ भारतीय रक्षा अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि बैठक हो चुकी है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।

फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में विवादित जल में चीनी तटरक्षक जहाजों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा अपने स्थान-प्रेषण उपकरण बंद करने के आरोप लगाए हैं, ताकि वे पकड़ में न आ सकें।
इस बीच, ब्रॉव्नर ने कहा कि फिलीपींस भारत से अधिक मिसाइल प्रणालियां खरीदने की संभावना पर विचार कर रहा है। हम पहले ही ब्रह्मोस प्रणाली प्राप्त कर चुके हैं और अधिक घटकों की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं। अब तक हम इससे बहुत संतुष्ट हैं और यह दक्षिण चीन सागर में एक बहुत अच्छा निरोधक प्रभाव बना रहा है।

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