धनबाद : धनबाद के झरिया के धर्मशाला रोड स्थित एक अस्पताल में रविवार को हुए हंगामे के बाद झरिया पुलिस ने पीड़ित परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर सोमवार को पांच आरोपियों को जेल भेज दिया। पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल ने उनका नवजात बच्चा बदलकर मृत बच्चा दे दिया था।
घटना के बाद झरिया पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की और देर रात पीड़ित परिजनों ने झरिया थाना में अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की घटना भी सामने आई, जो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई।
पुलिस ने बोकारो जिले के आमलाबाद निवासी पंकज सिंह, निशांत कुमार, युवराज सिंह, अजय प्रमाणिक और पृथ्वी सिंह के खिलाफ झरिया थाना कांड संख्या 323/24 के तहत पुलिस कार्य में बाधा डालने, मारपीट और गाली-गलौज की धाराएं लगाते हुए उन्हें धनबाद जेल भेज दिया।
पीड़ित सागर ठाकुर ने बताया कि उनकी पत्नी गीता ठाकुर को 13 दिसंबर को रात 10:30 बजे अस्पताल में भर्ती किया गया था। 14 दिसंबर को सामान्य डिलीवरी के बाद नर्स ने बताया कि बच्चा और मां दोनों स्वस्थ हैं। लेकिन अगले दिन जब सागर अपने बच्चे से मिलने पहुंचे तो नर्स ने कहा कि बच्चा मर चुका है और उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया है। सागर ठाकुर ने पुलिस को बताया कि इससे पहले उनके दो बच्चों का जन्म इसी अस्पताल में सामान्य तरीके से हुआ था, और अगर बच्चा बीमार था तो डॉक्टर ने बिना पूछे उसे आईसीयू में क्यों भर्ती किया।
सागर ने बताया कि जन्म के बाद बच्चे के माथे पर घना बाल था, लेकिन जो मृत बच्चा दिखाया गया, उसके सिर पर बाल नहीं थे। सागर ने डीएनए जांच की मांग भी की है। पुलिस ने नवजात का पोस्टमार्टम और डीएनए जांच के लिए धनबाद भेज दिया है।