

Jamshedpur (Jharkhand) : ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) की जमशेदपुर नगर कमेटी ने मानगो स्थित गुरुनानक हॉल में एक ‘नगर स्तरीय एजुकेशन कन्वेंशन’ का आयोजन किया। इस कन्वेंशन में वक्ताओं ने देश और राज्य में शिक्षा की बदहाली पर चिंता जताई और इसके विरोध में एक बड़े अभियान की घोषणा की।

एनईपी से शिक्षा निजीकरण का आरोप
कन्वेंशन की मुख्य वक्ता और संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष रिंकी बंसरियार ने कहा कि छात्रों और शिक्षा प्रेमियों की यह लड़ाई केवल शिक्षा के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और मानवता को बचाने की भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP)-2020 सरकारी शिक्षा को खत्म कर रही है। रिंकी ने कहा कि यह नीति शिक्षा के निजीकरण, व्यवसायीकरण और सांप्रदायिकरण को बढ़ावा दे रही है, जिससे गरीबों के लिए शिक्षा पाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने शिक्षा बजट में लगातार कटौती और आवश्यक संसाधनों की कमी पर भी चिंता व्यक्त की, जिसके कारण देश में सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है।

पढ़ाई से वंचित हो रहे छात्र : रिंकी
रिंकी ने झारखंड की स्थिति पर भी बात करते हुए कहा कि राज्य में अंगीभूत कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गई है, लेकिन पर्याप्त संख्या में प्लस टू स्कूल, शिक्षक और प्रयोगशालाएं नहीं हैं। इस वजह से कई छात्रों को सीट नहीं मिल पाई और उनके सामने पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई है। उन्होंने ‘क्लोजर मर्जर’ के नाम पर स्कूलों को बंद करने का भी विरोध किया।

मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा 1 लाख हस्ताक्षरों से युक्त ज्ञापन
संगठन के जिला सचिव शुभम कुमार झा ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए AIDSO देशभर में अभियान चला रहा है। इसी क्रम में झारखंड राज्य कमेटी की ओर से शहीद खुदीराम बोस के शहादत दिवस (11 अगस्त) से लेकर 19 सितंबर तक पूरे प्रदेश में 1 लाख हस्ताक्षर इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन हस्ताक्षरों से युक्त एक ज्ञापन झारखंड के मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
शुभम कुमार झा ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा प्रेमियों से इस मुहिम में शामिल होकर आंदोलन को मजबूत करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन नगर सचिव खुदीराम हंसदा ने किया, जबकि नगर अध्यक्ष सविता सोरेन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर संगठन के कई पदाधिकारी और विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
