सेंट्रल डेस्क। एय़र इंडिया ने अपने क्रू मेंबर्स के लिए नई संसोधन नीति बनाई है, जिसके तहत दो उड़ानों के बीच के खाली समय में कमरे को शेयर करने का प्रावधान निहित किया गया है। अब इस नियम का ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने विरोध जताया है। इसी क्रम में 28 अक्तूबर को एय़र इंडिया ने 10 केबिन क्रू को सस्पेंड कर दिया।
इन सदस्यों पर आऱोप है कि ये अन्य केबिन क्रू के सदस्यों को इस नई संसोधन नीति का विरोध करने के लिए उकसा रहे थे। गौरतलब है कि आने वाले माह में एयर इंडिया का विस्तारा के साथ मर्जर होने वाला है। इससे पहले एयर इंडिया ने अपने केबिन क्रू सदस्यों के लिए नई नीति लागू की, जो कि दिसंबर से प्रभावी होगा।
यह नियम अवैध, अमान्य और गैरकानूनी
इस नीति के अतंर्गत दो उड़ानों के बीच के खाली समय के दौरान कमरे को शेयर करने का प्रावधान रखा गया है। अब ऑल इंडिया केबिन क्रू ने इस फैसले का यह कहते हुए विरोध किया है कि इसकी जरूरत नहीं है और इसे अवैध, गैरकानूनी औऱ कई मानकों पर गलत ठहराया है। एसोसिएशन ने इस मामले में श्रम मंत्रालय से दखल देने का अनुरोध किया है।
एयरइंडिया चीफ कैंपबेल को भी लिखा पत्र
ऑलइंडिया केबिन क्रू ने इस मामले को एयर इंडिया के चीफ कैंपबेल विल्सन को भी इस संबंध में पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है औऱ कहा है कि पूर्ववर्ती नियमों को ही यथास्थिति बरकरार रखा जाए। साथ ही औद्योगिक न्यायीकरण की पवित्रता और औद्योगिक विवाद का सम्मान करने का आग्रह किया है।
2022 में टाटा ग्रुप ने घाटे में चल रही एयर इंडिया तो खरीद लिया था, इसके बाद से ही यहां कई बदलाव किए जा रहे है। विस्तारा और एयर इंडिया को मिलाकर कर्मचारियों की संख्या लगभग 25 हजार है, इनमें से 12 हजार केबिन क्रू है। अभी तक के नियमों के अनुसार, 1 दिसंबर से केबिन एग्जीक्यूटिव्स और अल्ट्रा लॉन्ग हॉल वाली उड़ानों को छोड़कर सभी सदस्यों को रूकने के दौरान कमरा शेयर करना होगा।
अल्ट्रा लॉन्ग हॉल उड़ान के दौरान केबिन क्रू मेंबर्स को लेओवर के दौरान सिंगल रूम मिलेंगे। साथ ही फ्लाइट के डायवर्जन के लिए अनिश्चित लेओवर के दौरान सिंगल रूम मिलेंगे। बता दें कि अल्ट्रा लॉन्ग हॉल की उड़ानें वो होती है, जिनकी टाइमिंग 16 घंटे या उससे अधिक हो।