सेंट्रल डेस्क : अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले 120 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विशेष विमान शनिवार रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। इनमें से 60 से अधिक लोग पंजाब के, 30 से अधिक हरियाणा के हैं और बाकी लोग गुजरात, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। यह भारतीयों का दूसरा जत्था है जिसे ट्रंप प्रशासन ने डिपोर्ट किया है।
इससे पहले, 5 फरवरी को भी एक विमान ने 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को अमृतसर पहुंचाया था। इनमें से 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से और 30 लोग पंजाब से थे। डिपोर्ट किए गए अधिकांश प्रवासियों का कहना था कि वे अपने परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए अमेरिका में बसना चाहते थे। अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों के इस जत्थे का तीसरा विमान 16 फरवरी (रविवार) को अमृतसर पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 157 भारतीय नागरिक होंगे, जिनमें 59 हरियाणा से, 52 पंजाब से, 31 गुजरात से और बाकी अन्य राज्यों के लोग शामिल होंगे।
‘डंकी रूट’ से अमेरिका में अवैध प्रवेश करने की कोशिश
ये सभी प्रवासी ‘डंकी रूट’ के माध्यम से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश करते वक्त सीमा पर पकड़े गए थे। इस रूट का इस्तेमाल अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए किया जाता है, जिसमें लोग बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका की सीमा पार करते हैं। एक वायरल वीडियो में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए पहले जत्थे के प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़े हुए दिखाया गया था, जो एक गंभीर मुद्दा बन गया।
इस दुर्व्यवहार को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में इस बात की पुष्टि की थी कि भारतीय सरकार ट्रंप प्रशासन से यह सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रही थी कि इन अवैध प्रवासियों के साथ कोई भी दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को हथकड़ी और जंजीरों से बांधकर भेजा गया था, लेकिन उड़ान के दौरान उन्हें भोजन और दवा प्रदान की गई थी।
राजनीतिक विवाद और केंद्र सरकार की आलोचना
अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस लाने के इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल मच गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है, विशेष रूप से अमृतसर में विमानों की लैंडिंग को लेकर। उन्होंने कहा कि यह कदम असंवेदनशील है और इस तरह के मुद्दों पर सरकार को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
हालांकि, भाजपा ने विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मुद्दा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान अवैध आप्रवासन और मानव तस्करी के मुद्दे को उठाया था। ट्रंप के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। भारत ने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित भारतीय नागरिक हैं और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है।’
अवैध प्रवासियों की वापसी पर भारत की भूमिका
इस मामले ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और उनके अधिकारों को लेकर चर्चा को तेज कर दिया है। भारतीय सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह ऐसे नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान जो घटनाएं और दुर्व्यवहार हुए हैं, वे चिंता का विषय बने हुए हैं। विपक्ष और सरकार के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस जारी है, जबकि सरकार ने अवैध प्रवासियों को लेकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी है।