रांची : झारखंड से आतंकी संगठनों का जुड़ाव खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आए दिन किसी न किसी आतंकी संगठन के साथ तार जुड़े होने की बात सामने आ रही है। अब एक नया बुधवार को भी प्रकाश में आया है। गुजरात एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड) ने बेंगलुरु से 30 वर्षीय संदिग्ध महिला आतंकी शमा परवीन को धर दबोचा, जिसके तार सीधे झारखंड के कोडरमा जिले से जुड़े हैं। इससे पहले, झारखंड एटीएस ने धनबाद के वासेपुर से 20 वर्षीय शबनम परवीन को गिरफ्तार किया था, जिसे आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb ut-Tahrir) का अहम हैंडलर माना जा रहा है। ये गिरफ्तारियां झारखंड में आतंकी गतिविधियों, खासकर उनमें महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
कोडरमा की शमा परवीन: सोशल मीडिया के जरिए फैला रही थी जहर
गुजरात एटीएस के मुताबिक, शमा परवीन को बेंगलुरु के हेब्बल इलाके में किराए के मकान से पकड़ा गया। जांच में खुलासा हुआ कि शमा कोडरमा की मूल निवासी है, लेकिन पिछले कुछ सालों से हैदराबाद और फिर बेंगलुरु में रह रही थी। एटीएस का कहना है कि शमा सोशल मीडिया के जरिए खुलकर आतंकी विचारधारा का प्रचार कर रही थी और आतंकी संगठन अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़ी हुई थी। सोशल मीडिया पर चरमपंथी सामग्री साझा करने वालों पर नज़र रखते हुए ही एटीएस उस तक पहुंची। अब झारखंड एटीएस भी उसके कोडरमा कनेक्शन और स्थानीय संपर्कों को खंगाल रही है ताकि नेटवर्क की गहराई का पता चल सके।
धनबाद की शबनम परवीन: हिज्ब-उत-तहरीर की मास्टरमाइंड?
इस साल की शुरुआत में, झारखंड एटीएस ने धनबाद के वासेपुर से शबनम परवीन को गिरफ्तार कर राज्य की पहली महिला संदिग्ध आतंकी गिरफ्तारी दर्ज की थी। 20 वर्षीय शबनम को भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर का मुख्य हैंडलर बताया जा रहा है। झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि शबनम के मोबाइल से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें जिहादी विचारधारा से जुड़े दस्तावेज, देश-विरोधी संदेश और विस्फोटक सामग्री की जानकारी शामिल है। जांच में यह भी सामने आया कि शबनम न सिर्फ अपने पति आयान जावेद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी जिहाद के लिए उकसा रही थी।
डार्क नेट का काला खेल: आतंकियों का नया हथियार
शबनम की गिरफ्तारी के बाद झारखंड एटीएस ने कुल पांच संदिग्धों को पकड़ा, जिनमें शबनम, उसका पति आयान जावेद, गुलफाम हसन, मोहम्मद शहजाद आलम और अम्मार यसार शामिल हैं। ये सभी धनबाद के वासेपुर और भूली इलाकों से पकड़े गए। जांच से पता चला कि ये सभी हिज्ब-उत-तहरीर के झारखंड मॉड्यूल का हिस्सा थे और डार्क नेट (Dark Net) का इस्तेमाल कर देश-विदेश के आतंकी एजेंटों से संपर्क साध रहे थे। उनके पास से बरामद लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों में जिहादी साहित्य और देश-विरोधी सामग्री मिली है, जो उनकी कट्टरपंथी सोच को दर्शाती है। पांच संदिग्धों में अम्मार यसार की गिरफ्तारी सबसे अहम है, जिसका आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) से गहरा नाता रहा है।
Read Also- Jharkhand Cyber Crime : साइबर ठगी के शिकंजे में 40 बैंक अकाउंट : CID की ताबड़तोड़ कार्रवाई