रांची : आईएएस अधिकारी अलका तिवारी को झारखंड का अगला मुख्य सचिव बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। भारत सरकार ने आदेश जारी कर अलका तिवारी को उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस उनके मूल कैडर झारखंड में लौटने का निर्देश दिया है। इसके बाद से ही उनके मुख्य सचिव के पद पर पदस्थापना की अटकलें तेज हो गई हैं।
अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। झारखंड में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई जिलों में बतौर उपायुक्त (डीसी) अपनी सेवाएं दी हैं और प्रशासनिक अनुभव से भरी हुई हैं। उनका झारखंड लौटना राज्य के प्रशासनिक हलकों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, खासकर तब जब वर्तमान मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते इसी महीने 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
मुख्य सचिव की भूमिका राज्य के प्रशासन में सर्वोच्च होती है, और अलका तिवारी के इस पद पर आने की संभावना से राज्य के प्रशासनिक तंत्र में नए बदलाव और नीतिगत सुधारों की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, यह नियुक्ति सीधे तौर पर राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में होती है, लेकिन चुनाव आयोग की सहमति के बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि वर्तमान में झारखंड में चुनाव की आचार संहिता लागू है। मुख्य सचिव की नियुक्ति पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।
झारखंड के विभिन्न जिलों में अलका तिवारी की प्रशासनिक दक्षता की सराहना की जाती रही है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए त्वरित और प्रभावी निर्णय लिए। ऐसे में, उनके मुख्य सचिव बनने की संभावनाओं पर अधिकारियों और जनता की नज़रें टिकी हैं।
वर्तमान में झारखंड प्रशासन महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हंी और एक स्थिर एवं कुशल प्रशासनिक नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अलका तिवारी के अनुभव और प्रशासनिक कौशल से यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य के प्रशासन को सफलतापूर्वक संभालेंगी।
अलका तिवारी का झारखंड से पुराना नाता है, और जमशेदपुर जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में भी उन्होंने प्रशासनिक सेवाएं दी हैं। उनके मुख्य सचिव बनने से जमशेदपुर समेत पूरे झारखंड में विकास की नई संभावनाएं पैदा हो सकती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग द्वारा उनके नाम को मंजूरी कब तक दी जाती है, और कब वह औपचारिक रूप से झारखंड की मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगी।
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