नई दिल्ली: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट का टर्मिनल 1 (टी1) पूरी तरह संचालित होगा और 15 अप्रैल से टर्मिनल 2 (टी2) की सभी उड़ानें टी1 में शिफ्ट हो जाएंगी। वर्तमान में टर्मिनल 2 प्रतिदिन 270-280 हवाई यातायात संचालित करता है और 46,000 से अधिक यात्रियों को सेवा देता है, जिसमें मुख्य रूप से अकासा एयर और इंडिगो की उड़ानें शामिल हैं।

आईजीआई एयरपोर्ट ऑपरेटर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने एयरलाइंस को इस बदलाव की सूचना दे दी है और उन्हें इसके लिए योजना बनाने को कहा है। यह कदम दिल्ली हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करना है। टी1 का विस्तार फेज 3ए परियोजना के तहत पूरा हुआ, जिसे पिछले साल मार्च में राष्ट्र को समर्पित किया गया था।

डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि यह बदलाव यात्री अनुभव को बेहतर करेगा और बढ़ती हवाई यात्रा की मांग को पूरा करेगा। दिल्ली एयरपोर्ट भारत का पहला एयरपोर्ट होगा जो सालाना 100 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभाल सकेगा। टर्मिनल 1 में उड़ानों का स्थानांतरण और आधुनिकीकरण टी1 की क्षमता 40 मिलियन, टी2 की 15 मिलियन और टी3 की 45 मिलियन यात्री प्रतिवर्ष है।
टी1 का क्षेत्रफल 55,740 वर्ग मीटर से बढ़कर 206,950 वर्ग मीटर हो गया है, जिसमें आगमन और प्रस्थान टर्मिनल एकीकृत हैं। इसमें उन्नत तकनीक जैसे फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (डिजियात्रा), 20 ऑटोमेटेड ट्रे रिट्रीवल सिस्टम, 108 सेल्फ-सर्विस कियोस्क और 10 लंबे बैगेज रिक्लेम कैरोसेल शामिल हैं।

बैगेज हैंडलिंग क्षमता 3,240 से बढ़कर 6,000 बैग प्रति घंटे हो गई है। यह बदलाव सुचारु संचालन और बेहतर यात्री सुविधा सुनिश्चित करेगा। डायल का लक्ष्य दिल्ली एयरपोर्ट को आधुनिक विमानन केंद्र बनाना है। यात्रियों के लिए टी1 की विश्वस्तरीय सुविधाएं और पर्यावरण-अनुकूल डिजाइनटी1 में 29 प्रवेश द्वार, शॉपिंग और डाइनिंग विकल्प, प्रार्थना कक्ष, योग क्षेत्र, शांत क्षेत्र, लाउंज, चार्जिंग स्टेशन, स्मार्ट वॉशरूम और विशेष जरूरतों वाले यात्रियों के लिए सुविधाएं हैं। यह दिल्ली मेट्रो से सीधे जुड़ा है।
टी1 को यूएसजीबीसी लीड प्लेटिनम मानकों के अनुरूप बनाया गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी और ऊर्जा-कुशल प्रणालियां हैं। भारतीय कला और संस्कृति को दर्शाने वाला डिजाइन इसे अनूठा बनाता है। पार्किंग और मीट-एंड-ग्रीट जोन का विस्तार भी हुआ है। यह एशिया का पहला नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन एयरपोर्ट है। यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए इसमें आधुनिक तकनीक और सुविधाओं का समावेश किया गया है।