प्रयागराज : ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरूवार 3 अगस्त को फैसला सुनाएगा। विदित हो कि 27 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी दलीलें पेश की थीं।
कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अतिरिक्त महानिदेशक ने सर्वेक्षण में अपनाई जाने वाली तकनीक के बारे में कोर्ट को अवगत कराया था। एसआई ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी की इमारत को खरोंच तक नहीं आएगी। इस मसले पर सुनवाई तीन दिनों तक चली थी।
विदित हो कि इससे पहले वाराणसी के जिला जज द्वारा ज्ञानवापी सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश पर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ सुनवाई कर रही है।
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यह थी मुस्लिम पक्ष की दलील:
हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का दलील रखते हुए वकील एसएफए नकवी ने कहा था कि ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचनें की आशंका हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस का दंश देश ने झेला है। सिविल वाद में जल्दबाजी में सर्वेक्षण और खोदाई का फैसला घातक हो सकता है।
एएसआई ने मुस्लिम पक्ष के दावों को खारिज किया था:
वहीं एएसआई ने मुस्लिम पक्ष की दलील को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि सर्वेक्षण के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक से ज्ञानवापी की मूल संरचना या ढांचे को को नुकसान नहीं होगा यहां तक की एक खरोंच भी नहीं आयेगी।
हिंदू पक्ष का यह था दलील:
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी का कहना था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण के जरिए वो ज्ञानवापी की सच्चाई सामने लाना चाहते है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहे प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कहा था कि याचिका में राज्य सरकार पक्षकार तो नहीं हैं, लेकिन सर्वेक्षण होने की दशा में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सम्हालनें को राज्य सरकार तैयार है।
इससे पहले सुप्रीप कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था :
विदित हो कि इससे पहले वाराणसी के जिला जज के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष कोर्ट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट जाने को कहा था।