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Amalgam Steel and Power Land dispute : अमलगम स्टील कंपनी की मुश्किलें बढ़ीं, रैयत ने शुरू की प्रवेश मार्ग की खुदाई, वाहनों का आवागमन बंद

by Anand Mishra
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कांड्रा (झारखंड) : सरायकेला-खरसावां जिला के कांड्रा स्थित अमलगम स्टील एंड पॉवर लिमिटेड और अमलगम स्टील प्राइवेट लिमिटेड की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। स्थानीय रैयत मनसाराम महतो ने कंपनी के प्रवेश मार्ग की खुदाई शुरू कर दी है। इस वजह से कंपनी में वाहनों का प्रवेश और निकासी बंद हो गयी है। यह विवाद इलाके में चर्चा का विषय बन हुआ है।

लीज की अवधि समाप्त : रैयत

मनसाराम महतो का कहना है कि खाता संख्या 3, प्लॉट संख्या 996 और 998 उनकी रैयती जमीन है। उन्होंने दो साल पहले यह जमीन सशर्त लीज पर दी थी, लेकिन अब लीज की अवधि समाप्त हो गई है। जब उन्होंने अपनी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, तो कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह और सुरक्षा अधिकारी तारकनाथ तिवारी ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी। मनसाराम महतो ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों से पत्राचार किया। बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। अंत में, 21 मार्च को उन्होंने उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी को सूचित कर अपनी पुश्तैनी रैयती जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

थाना प्रभारी ने किया हस्तक्षेप, नहीं रुकी खुदाई

कंपनी का मार्ग अवरुद्ध होने की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी विनोद मुर्मू मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। बावजूद मनसाराम महतो अपनी मांग पर अड़े रहे और खुदाई का कार्य जारी रखा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक तेजपाल सिंह और तारकनाथ तिवारी को कंपनी से नहीं हटाया जाता, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी।

कंपनी की प्रतिक्रिया, हजारों रोजगार पर खतरा

कंपनी के अधिकारी तेजपाल सिंह ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से कंपनी चल रही है। कंपनी ने तीन हजार लोगों को रोजगार दिया है। मनसाराम महतो को लीज के अनुसार भुगतान किया जा रहा था और अब भी उनका चेक तैयार है। हालांकि, मनसाराम महतो अपने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले उनके परिवार के सदस्य को को नौकरी दी गई थी, लेकिन अब वे किसी के प्रभाव में आकर कंपनी के हजारों मजदूरों का रोजगार छीनने की कोशिश कर रहे हैं। तेजपाल सिंह ने प्रशासन से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि यह विवाद बढ़ता है, तो हजारों मजदूर बेरोजगार हो सकते हैं।

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