अमृतसर: अमेरिका का सैन्य विमान C-147, जिसमें 104 अवैध भारतीय प्रवासी सवार थे, बुधवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है। इस फ्लाइट में कुल 104 भारतीय नागरिक थे, जिनमें 13 बच्चे, 79 पुरुष और 25 महिलाएं शामिल थीं। यह डिपोर्टेशन अमेरिकी सरकार द्वारा की गई थी, और ये सभी अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे।

अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रशासन की मुस्तैदी
अमृतसर एयरपोर्ट पर प्लेन के उतरने से पहले ही प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद थे। एयरपोर्ट पर मौजूद अमेरिकी दूतावास के अधिकारी के अनुसार, प्लेन का आगमन दोपहर 1:59 बजे हुआ था। इस दौरान एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, और स्थानीय अधिकारियों द्वारा पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही थी।
प्रवासी भारतीयों का विवरण और उनकी पुनर्वास प्रक्रिया
प्लेन में सवार 104 प्रवासियों में से 33 लोग गुजरात राज्य के हैं, जिन्हें अमृतसर एयरपोर्ट पर ही रखा जाएगा और बाद में सीधे उनके गृह राज्य गुजरात भेज दिया जाएगा। बाकी बचे हुए भारतीयों की यात्रा उनके संबंधित राज्यों की ओर की जाएगी।
अमृतसर में एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था
अमृतसर एयरपोर्ट पर इस विमान के लैंड होते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था। एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि डिपोर्ट किए गए नागरिकों को सही तरीके से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इस विमान में सवार भारतीय नागरिकों में से 30 लोग पंजाब के थे, जिन्हें अमृतसर एयरपोर्ट से ही सीधे उनके घर भेजा जाएगा।
किस राज्य से कितने लोग?
इस प्लेन में पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, उत्तर प्रदेश के 3 और चंडीगढ़ के 2 लोग हैं। बता दें कि अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी। इस प्लेन में 104 अवैध भारतीय प्रवासी हैं।
अमेरिकी डिपोर्टेशन प्रोग्राम
अमेरिकी मिलिट्री द्वारा डिपोर्ट किए गए इन भारतीय नागरिकों को अमेरिका में अवैध रूप से रहने के कारण वापस भेजा गया। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अवैध प्रवासियों को उनके देशों में भेजने के अभियान का हिस्सा है। पहले भी, अमेरिका से ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को उनके देशों में भेजा गया था। अब यह प्रक्रिया भारत तक पहुंची है, जहां लगभग 18,000 भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं।
भारत और अमेरिका के बीच सहयोग
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की वापसी के इस अभियान में भारत सरकार का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। भारत सरकार ने हमेशा इस मुद्दे को हल करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में इस बारे में कहा था कि भारत अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। अब तक 205 नागरिकों का पहला जत्था वापस भारत भेजा गया है और बाकी नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
यह डिपोर्टेशन प्रोग्राम अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम है। ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें उनके देशों में भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रोग्राम के तहत, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लाखों प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा जा रहा है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं, जो अमेरिका में अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का हिस्सा हैं।
भारत सरकार की भूमिका और आगे की योजना
भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका से अवैध भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में पूरी तरह से तैयार है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह जांच की जा रही है कि अमेरिका में कितने भारतीय नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।