नई दिल्ली: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस सोमवार को अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा में उनके साथ उनकी भारतीय-मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस और उनके तीन बच्चे भी हैं। यह चार दिवसीय दौरा वैश्विक व्यापार तनावों के बीच हो रहा है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 26% शुल्क लगाने की घोषणा के बाद।
यात्रा का प्रमुख उद्देश्य
उपराष्ट्रपति वेंस का यह दौरा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की प्रगति और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर केंद्रित है। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी सऊदी अरब दौरे से पहले हो रही है, जिससे इसकी रणनीतिक महत्ता और बढ़ जाती है।
यात्रा का कार्यक्रम
दिन 1: आगमन और प्रधानमंत्री से मुलाकात
एयर फोर्स टू सोमवार सुबह लगभग 9:30 बजे एयर फोर्स स्टेशन पालम, नई दिल्ली पहुंचेगा। उपराष्ट्रपति वेंस का औपचारिक स्वागत 10:00 बजे होगा। शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात निर्धारित है, जिसमें दोनों देशों के व्यापार और रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी।
दिन 2: जयपुर यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम
22 अप्रैल को उपराष्ट्रपति वेंस जयपुर के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे, जिसमें आमेर किला, हवा महल और जंतर मंतर शामिल हैं। दोपहर में राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र में भारत-अमेरिका संबंधों पर उनका संबोधन होगा। शाम को राजस्थान के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मुलाकात होगी।
दिन 3: आगरा यात्रा
23 अप्रैल को वेंस परिवार के साथ आगरा में ताज महल और शिल्पग्राम जैसे सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेंगे। शाम को वे जयपुर लौटेंगे।
दिन 4: प्रस्थान
24 अप्रैल को उपराष्ट्रपति वेंस और उनका परिवार जयपुर से ही भारत से प्रस्थान करेंगे।
उषा चिलुकुरी वेंस: भारतीय मूल की पत्नी
उषा चिलुकुरी वेंस, जो अब तक सार्वजनिक जीवन से दूर रही हैं, इस यात्रा के दौरान अपने भारतीय मूल से जुड़ाव को महसूस करेंगी। उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश से 1980 के दशक में अमेरिका आए थे। उषा ने येल विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री प्राप्त की है। उनकी मुलाकात जे डी वेंस से येल लॉ स्कूल में अध्ययन के दौरान हुई थी। वर्तमान में वे एक कुशल वकील हैं और पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स और न्यायमूर्ति ब्रेट कावानुघ के साथ क्लर्क रह चुकी हैं।
उषा का यह भारत दौरा उनके लिए व्यक्तिगत और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी भारतीय जड़ों से जुड़ने का एक अवसर है। इस यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को नई दिशा मिल सकती है, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है।