सेंट्रल डेस्क : वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने शनिवार को अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘एकतरफा’ करार दिया। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार को विभिन्न राजनीतिक दलों और हितधारकों को साथ लेकर चलना चाहिए। उनका कहना था कि सरकार को हमेशा राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए और इस मुद्दे से निपटने के लिए एक समग्र रणनीति बनानी चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन को किया संबोधित
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने इस संदर्भ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए उच्च टैरिफ के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कदम वैश्विक व्यापार के लिए एक बड़ा झटका है। शर्मा ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाया गया कदम दुर्भाग्यपूर्ण है और यह विश्व व्यापार के लिए नुकसानदायक साबित होगा।”
शर्मा ने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा एकतरफा तरीके से लगाए गए टैरिफ ने वैश्विक व्यापार में बड़ा व्यवधान पैदा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप का यह कदम बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को उलटने की कोशिश है, जिससे विश्व व्यापार संगठन (WTO) को भी बड़ा धक्का लगा है। शर्मा ने कहा कि ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय समझौतों और नियमों का उल्लंघन किया है, जो वैश्विक व्यापार के लिए जरूरी हैं। उनका कहना था कि ट्रंप के फैसले का असर केवल बड़ी नहीं, बल्कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ेगा।
राष्ट्रीय हितों को रखा जाना चाहिए सर्वोपरि
कांग्रेस नेता ने सरकार से यह भी कहा कि अमेरिकी टैरिफ पर प्रतिक्रिया देने के समय राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को इस मुद्दे पर एक विशेषज्ञों का टास्क फोर्स बनाना चाहिए, जो सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले सके। शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार को किसी भी फैसले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, ताकि देश को इसके प्रतिकूल परिणामों का सामना न करना पड़े।
सभी राजनीतिक दलों से सरकार को करना चाहिए संवाद
आनंद शर्मा ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा का भी आह्वान किया और कहा कि सरकार को इस मामले में सभी राजनीतिक दलों से संवाद करना चाहिए, ताकि इस पर एक व्यापक समझ बन सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अभी तक सेवा क्षेत्र पर कोई चर्चा नहीं हुई है और यह महत्वपूर्ण है कि भारत किसी भी व्यापार समझौते में सेवा क्षेत्र को केंद्र में रखे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सेवाओं को शामिल नहीं किया गया, तो यह देश के लिए नुकसानकारी हो सकता है, क्योंकि भारत की वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी सेवा क्षेत्र की है।
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