नई दिल्ली : दिल्ली में रविवार को राजनीतिक मैदान में हलचल मच गई जब दो बड़े सियासी घटनाक्रम सामने आए। पहले दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया और अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। इसके तुरंत बाद, बीजेपी के दो बार विधायक रहे अनिल झा ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। इन घटनाओं ने दिल्ली की राजनीति में नई सुर्खियां बनाई हैं और पार्टियों के भीतर चल रही खींचतान को उजागर किया है।
अनिल झा का AAP में शामिल पर क्या कहा
बीजेपी से दो बार विधायक रहे अनिल झा ने रविवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी का हाथ थामा। उन्होंने यह फैसला उस समय लिया जब पार्टी में उनके पुराने संबंधों और संभावनाओं के बारे में सवाल उठने लगे थे। अनिल झा ने AAP जॉइन करते हुए कहा, “अगर पूर्वांचल के लिए किसी ने सच में काम किया है तो वह अरविंद केजरीवाल हैं।” उनका कहना था कि केजरीवाल ने 10 सालों में दिल्ली के हर घर तक पीने का पानी पहुंचाया और पूर्वांचल के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। अनिल झा का यह कदम बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वे 2008 और 2013 में किराड़ी से विधायक रहे थे, और उनकी बीजेपी से लम्बे समय तक जुड़ी रही राजनीतिक यात्रा को देखते हुए इस फैसले ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी।
अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत, बीजेपी पर लगाए आरोप
अनिल झा के पार्टी ज्वॉइन करने के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका स्वागत किया और इस फैसले को दिल्ली की राजनीति में एक अहम मोड़ बताया। उन्होंने कहा, “अनिल झा पूर्वांचल के सबसे बड़े नेता हैं और उनका पार्टी में स्वागत है।” केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने कभी भी पूर्वांचल के लोगों के लिए कुछ ठोस नहीं किया। उन्होंने बीजेपी से यह सवाल किया कि दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों के लिए उनका क्या योगदान है।
केजरीवाल ने गिनाए अपने काम
केजरीवाल ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की हर बस्ती में शानदार काम किया है और विशेष रूप से पूर्वांचल के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिया है। उनके अनुसार, अनिल झा के पार्टी ज्वॉइन करने से यह साबित होता है कि पूर्वांचल के लोग अब AAP की नीतियों से जुड़ रहे हैं और बीजेपी के खोखले दावों को नकार रहे हैं।
कैलाश गहलोत ने इस्तीफे के बाद यह कहा
दूसरी तरफ, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने AAP की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक, उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और इस इस्तीफे के साथ ही कैलाश गहलोत ने केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कैलाश गहलोत का इस्तीफा AAP के लिए झटका
गहलोत ने अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी में चल रहे सत्ता संघर्षों और विवादों के कारण उन्हें पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। गहलोत ने यह भी कहा कि पार्टी की आंतरिक स्थिति अब ऐसी नहीं रह गई है, जिससे उनके लिए काम करना संभव हो सके। कैलाश गहलोत का इस्तीफा AAP के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि वह पार्टी के एक वरिष्ठ नेता थे और दिल्ली सरकार में अहम पद पर थे।
दिल्ली की सियासी लड़ाई
यह घटनाक्रम दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकता है। जहां एक तरफ अनिल झा ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा और पूर्वांचल के लोगों के लिए केजरीवाल की योजनाओं को सराहा, वहीं दूसरी तरफ कैलाश गहलोत का इस्तीफा और उनके आरोपों ने पार्टी के भीतर की दरारों को उजागर किया है। यह घटनाएं दिल्ली की राजनीति में एक नई सियासी जंग की शुरुआत का संकेत देती हैं। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी के नेता अपनी सरकार की सफलता और विकास कार्यों को लेकर गर्वित हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी के भीतर असंतोष और विरोध की आवाजें भी सामने आ रही हैं।
बीजेपी के लिए भी पुनर्विचार का दौर
बीजेपी के लिए यह घटनाएं संकेत हैं कि पार्टी को अपनी रणनीतियों पर पुनः विचार करने की जरूरत है। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगा कि इन घटनाओं का दिल्ली में आगामी चुनावों पर क्या असर पड़ेगा, लेकिन वर्तमान घटनाएं यह दर्शाती हैं कि दिल्ली की राजनीति में बदलाव की बयार चल रही है। दिल्ली में रविवार को हुई राजनीतिक हलचल ने यह स्पष्ट कर दिया कि सियासत के मैदान में कुछ भी तय नहीं है। एक ओर जहां अनिल झा ने AAP में अपनी नई पारी की शुरुआत की, वहीं दूसरी ओर कैलाश गहलोत के इस्तीफे ने आम आदमी पार्टी के भीतर की अंदरूनी राजनीति को उजागर किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन घटनाओं का दिल्ली की सियासत पर क्या असर पड़ेगा और आगामी विधानसभा चुनावों में इन घटनाओं की भूमिका क्या होगी।
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