भोपाल: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को एक और बड़ी कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, सैफ अली खान के लिए एक दुखद खबर आई है, जब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उनके परिवार की पुश्तैनी संपत्तियों से जुड़ा स्थगन आदेश हटा लिया। इस निर्णय के बाद, केंद्र सरकार इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत अपने नियंत्रण में ले सकती है। ये संपत्तियां मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन में स्थित हैं और इनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का निर्णय
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिससे सैफ अली खान के लिए नई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। 2015 में शुरू हुई सुनवाई के बाद, कोर्ट ने इन संपत्तियों पर लगे स्थगन आदेश को हटा दिया, जिससे अब इन संपत्तियों पर सरकारी कब्जे का खतरा और भी बढ़ गया है। शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत, जिन संपत्तियों का मालिक पाकिस्तान में चला गया हो, उन्हें सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है। सैफ अली खान के परिवार की भोपाल की संपत्तियां भी इसी श्रेणी में आती हैं, क्योंकि उनकी दादी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं।
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 क्या है?
शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत भारत सरकार उन संपत्तियों पर दावा कर सकती है, जो 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की होती हैं। सैफ अली खान के पटौदी परिवार की भोपाल की संपत्तियां भी इसी श्रेणी में आती हैं, क्योंकि उनके परिवार की एक सदस्य, आबिदा सुल्तान, पाकिस्तान चली गई थीं और इन संपत्तियों पर अब केंद्र सरकार का दावा हो सकता है।
सैफ अली खान ने अदालत में क्या किया था?
जब सरकार ने 2015 में इन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया था, तो सैफ अली खान ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और उस पर स्थगन आदेश प्राप्त किया था। लेकिन 13 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने सैफ की याचिका खारिज करते हुए उन्हें 30 दिन का समय दिया था, लेकिन सैफ या उनके परिवार के किसी सदस्य ने अब तक इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है। हालांकि, उनके पास डबल बेंच के समक्ष अपील दायर करने का विकल्प अभी भी मौजूद है।
कौन सी संपत्तियां हैं खतरे में?
सैफ अली खान की जिन संपत्तियों पर अब सरकार का दावा हो सकता है, उनमें भोपाल और रायसेन में स्थित कई आलीशान प्रॉपर्टीज शामिल हैं। इनमें फ्लैग स्टाफ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा जैसे महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं। इनमें से फ्लैग स्टाफ हाउस वह जगह है, जहां सैफ अली खान ने अपने बचपन के कई साल बिताए थे। इन संपत्तियों पर कब्जा होने से सैफ अली खान और उनके परिवार को बड़ा झटका लग सकता है।
इतिहास और परिवार की भूमिका
भोपाल कभी एक रियासत हुआ करता था और उसके अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खान थे, जो सैफ अली खान के नाना थे। उनकी तीन बेटियां थीं, जिनमें से एक बेटी आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थीं। सैफ अली खान की दादी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं और उन्होंने नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की। 2019 में, अदालत ने साजिदा सुल्तान को कानूनी उत्तराधिकारी मानते हुए सैफ अली खान को इन संपत्तियों का हिस्सा दिया था। हालांकि, आबिदा सुल्तान के पाकिस्तान जाने के कारण इन संपत्तियों पर शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकार का दावा बन सकता है।
अब सैफ अली खान और उनके परिवार के पास इस मामले को अदालत में चुनौती देने का विकल्प है। हालांकि, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के ताजा आदेश के बाद इन संपत्तियों पर सरकार का कब्जा हो सकता है। सैफ अली खान के लिए यह एक बड़ा कानूनी और पारिवारिक संकट हो सकता है, क्योंकि इन संपत्तियों का मूल्य लाखों करोड़ों रुपये में है। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी घटनाक्रम हो सकते हैं, जिनसे सैफ अली खान और उनके परिवार को कोई राहत मिल सकती है या फिर मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।