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Arka Jain University Jharkhand : दुनिया में मां की जगह कोई नहीं ले सकता : डॉ. एसएस रजी

* विश्विद्यालय में कर्मचारियों और छात्रों के लिए ‘मातृ दिवस समारोह’ आयोजित

by Anand Mishra
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जमशेदपुर : अर्का जैन विश्वविद्यालय, जो शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी महत्व देता है, में सोमवार को एक विशेष और भावपूर्ण आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय के क्षमता निर्माण एवं मानव संसाधन विकास केंद्र (CCHRD) ने अपने कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए ‘मातृ दिवस समारोह’ का आयोजन किया, जिसमें मां के अद्वितीय प्रेम और महत्व को श्रद्धापूर्वक याद किया गया।

समारोह में विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एसएस रजी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए मां के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मां वह दिव्य शक्ति है जो सबकी जगह ले सकती है, लेकिन इस संसार में कोई और उसकी जगह नहीं ले सकता। वह हमारी पहली और सबसे बड़ी शिक्षिका होती है, जो हमें करुणा, प्रेम और निर्भयता का पाठ पढ़ाती है।” उनके इन शब्दों ने उपस्थित सभी लोगों के हृदय को छू लिया।

मां का प्रेम दुनिया में सबसे अनमोल : डॉ. चारू वाधवा

सीसीएचआरडी की सहायक निदेशक डॉ. चारू वाधवा ने मां के निस्वार्थ प्रेम की गहराई को व्यक्त करते हुए कहा, “एक मां का अपने बच्चे के प्रति जो अनन्य प्रेम होता है, उसकी तुलना दुनिया की किसी भी चीज या व्यक्ति से नहीं की जा सकती। उसे न तो किसी कानून का भय होता है, न ही किसी पर दया आती है जब बात उसके बच्चे की होती है। वह अपने बच्चे के लिए हर मुश्किल का सामना करने और हर बाधा को कुचलने का अदम्य साहस रखती है।”

मां का प्रेम ही जीवन का आधार : डॉ. जसबीर सिंह धनजल

अर्का जैन विश्वविद्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार डॉ. जसबीर सिंह धनजल ने कहा कि मां का प्रेम ही उसके बच्चों के लिए सब कुछ होता है। “यही वह शक्ति है जो एक बच्चे को इस दुनिया में लाती है और उसके पूरे जीवन और व्यक्तित्व को आकार देती है।” उनके इन विचारों ने मां के अटूट बंधन और उसके प्रभाव को रेखांकित किया।

मातृ-शिशु रैंप वॉक और रंगारंग प्रस्तुतियां

इस अवसर को और भी यादगार बनाने के लिए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपने प्यारे बच्चों के साथ मिलकर विभिन्न मनोरंजक और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया। मातृ-शिशु रैंप वॉक आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें मां और बच्चों की जोड़ी ने बड़े उत्साह और प्यार के साथ रैंप पर अपनी अदाएं दिखाईं। इसके अलावा, नृत्य, मेहंदी, हस्त चित्रकला और गायन जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें कर्मचारियों और उनके बच्चों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया।

इस भावपूर्ण और उल्लासपूर्ण समारोह में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं, गैर-शिक्षण कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सभी ने मिलकर मातृ दिवस के इस पावन अवसर को एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।

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