नई दिल्ली : Arvind Kejriwal ED Case : दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी की कोर्ट में पेश चार्जशीट में कई हैरतअंगेज दावे किए हैं। खास बात यह है कि इसमें मुख्य अभियुक्त अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी को बताया गया है।
वहीं अब तो प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का नाम भी अपनी चार्जशीट में शामिल कर लिया है। निचली अदालत से अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बावजूद वो तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे हैं, क्योंकि ईडी ने उनकी जमानत को कोर्ट में चुनौती दे दी है। इसके साथ ही ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला केस में 38 लोगों को आरोपी बनाया है। इसमें अरविंद केजरीवाल के केस में आरोपी नंबर 37 हैं और उनकी आम आदमी पार्टी आरोपी नंबर 38 है।
Arvind Kejriwal ED Case : ईडी ने केजरीवाल को बताया करोड़ों के घोटाले का किंगपिन
ईडी ने अपनी इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को इस घोटाले का किंगपिन यानी सरगना और साजिशकर्ता बताया है। वहीं ईडी ने कहा इस शराब नीति घोटाले के पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उनकी जानकारी में किया।
ईडी ने दावा किया कि अपराध के जरिए कमाए गए पैसे को दिल्ली से गोवा हवाला के माध्यम से विनोद चौहान ट्रांसफर कर रहा था। मनी ट्रांसफर हुआ, इसके सुबूत के तौर पर ईडी ने विनोद चौहान और आरोपी अभिषेक बॉन पिल्लई के बीच की वाट्सएप चैट को शेयर किया है। इसमें हवाला मनी टोकन मनी ट्रांसफर का स्क्रीन शॉट शेयर किया है।
Arvind Kejriwal ED Case : 232 पन्ने की चार्जशीट में केजरीवाल पर लगाए हैं ये गंभीर आरोप
ईडी के 232 पन्ने की चार्जशीट में केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि शराब कारोबियों के साथ मिलकर उनके पक्ष वाली दिल्ली शराब नीति बनाकर पार्टी और अपने नेताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाना था। ईडी ने दावा किया कि इस घोटाले में शामिल करोड़ों रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनाव में सीएम केरजीवाल कि जानकारी में हुआ। केजरीवाल ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, इसलिए वो जिम्मेदार हैं। वहीं इस आरोप के सुबूत में ईडी ने बताया केजरीवाल का करीबी और शराब नीति में अहम भूमिका निभाने वाला विजय नायर सीएम के ही इशारे पर काम कर रहा था। इसके साथ ही ये गवाही समीर महेंद्र ने दी, जिसमें उसने पूछताछ में बताया कि विजय नायर ने उससे कहा था कि आबकारी नीति के पीछे पूरा दिमाग केरजीवाल का ही था।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर को दिल्ली आबाकारी नीति लागू की थी। वहीं इसके लिए सरकार ने दिल्ली में 32 जोन बनाए थे और हर जोन में 27 दुकानें खोली जानी थी, यानी कुल 849 दुकानें। इस नीति के तहत सभी शराब की दुकानों को पूरी तरह से प्राइवेट कर दिया गया था। शराब की दुकान चलाने वाले ठेकेदार पहले जहां 25 लाख रुपये देते थे, इस नीति के बाद 5 करोड़ देने पड़े। हालांकि ये नीति के लागू होते ही आरोप लगा कि इससे केवल बड़े बिजनेसमैन को ही लाभ हुआ। इसके साथ ही सरकार पर शराब नीति के कार्यान्यवल पर कथित तौर पर अनियमितता और रिश्ववत का आरोप लगा जिसके बाद 2021-22 में ही केजरीवाल सरकार ने ये शराब नीति रद्द कर दी।
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